विख्यात शास्त्रीय संगीत गायक पंडित जसराज का निधन हो गया. 90 साल के पद्म विभूषण पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली.
भारतीय शास्त्रीय संगीत को पिछले छह दशकों से उनका योगदान मिल रहा है. भारत सरकार की तरफ से उन्हें पद्म श्री, पद्म विभूषण, पद्म भूषण पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है.
दुनियाभर में मशहूर भारतीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हुआ था. पं. जसराज मेवाती घराने से ताल्लुक रखते थे. मेवाती घराने में परंपरागत ख्याल गायकी मशहूर है. अपने शुरुआती करियर में उनकी आलोचना इसलिए होती थी क्योंकि वो दूसरे घरानों को भी अपने गायन में शामिल किया करते थे लेकिन दूसरे घरानों से अच्छी चीजें लेकर गाने की कला बाद में ज्यादा स्वीकार की जाने लगी.
पंडित जसराज के पिता पंडित मोतीराम भी मेवाती घराने के एक महान संगीतज्ञ थे. जसराज ने पहली बार साल 2008 में एक हिंदी फिल्म के गाने को अपनी आवाज दी थी.
इस खबर के बाद संगीत जगत में शोक छाया हुआ है. पंडित जसराज के निधन पर सभी शोक व्यक्त कर रहे हैं. गायक और कंपोजर शंकर महादेवन ने लिखा-
पंडित जसराज के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं. भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक बड़ा खालीपन बन गया है. उनका संगीत इस जगत में हमेशा रहेगा.शंकर महादेवन
पूरे देश के लिए पंडित जसराज का जाना दुखी करने वाला है. पीएम मोदी ने भी पंडित जसराज के निधन पर उनको याद किया है.
पंडित जसराज के दुर्भाग्यपूर्ण निधन ने भारत के संस्कृति जगत में एक बड़ा शून्य का निर्माण किया है.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
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