आधी रात को दरवाजे की घंटी बजा कर भाग जाना. गंदे फोन कॉल. बिजली-पानी की सप्लाई काट देना. कार से पीछा करना. रास्ता रोक कर धमकी देना और बच्चों को धमकाना. आप सोच रहे होंगे कि यह पड़ोस में होने वाले झगड़े का ब्योरा है. जी नहीं, ये पाकिस्तान में भारत के राजनयिकों को डराने-धमकाने और परेशान करने के हथकंडे हैं.
पाकिस्तान में तैनात रहे भारतीय राजनयिकों का कहना है कि वहां पहुंचते ही उन्हें निशाने पर ले लिया जाता है. तरह-तरह के धमकियों का इस्तेमाल होता है. राजनयिकों के स्कूल जाने वाले बच्चों से भी दुश्मनी निकाली जाती है
पाकिस्तान में तैनात रहे रिटायर्ड डिप्लोमैट विष्णु प्रकाश ने बताया,वहां आधी रात को राजनयिकों के घर की डोर बेल बजा दी जाती है. मेरे पीछे पूरी कार भर आईएसआई के लोग चलते थे. अगर मैं डॉक्टर के पास भी जाता था तो बाहर खड़े होकर सुनने थे मैं अंदर क्या बात कर रहा हूं.
राजनयिकों को लेकर बढ़ी तनातनी
पिछले कई वर्षों में राजनयिकों के साथ सलूक को लेकर दोनों देशों में तनातनी का माहौल रहा है. लेकिन पिछले 13 मार्च को पाकिस्तान की ओर से नई दिल्ली में अपने राजनयिकों को परेशान किए जाने के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय को अपनी शिकायतें भेजने के बाद मामला और गर्म हो गया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इन शिकायतों पर भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया था.
पाकिस्तान ने अपनी शिकायत में कहा था उसके हाई कमीशन के काउंसलर के बच्चों का पीछा किया गया. उनका रास्ता रोका गया. एक पॉलिटिकल काउंसलर को कैब से निकाल कर अनजान लोगों की ओर से परेशान करने का आरोप लगाया गया.
भारत ने कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रहा है. साथ ही यह भी कहा है कि इस्लामाबाद में भारतीय कमिश्नर को परेशान किया जा रहा है. उसकी इस शिकायत पर पाकिस्तान महीनों से कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
इनपुट - ब्लूमबर्ग
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