कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में किये गये 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते लोगों की आवाजाही बंद है. इस वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार के सभी विभाग कुछ न कुछ नई योजनाओं को सामने लेकर आ रहे है.
आइसोलेशन वार्ड के रूप डिब्बों का इस्तेमाल
ऐसे में अब खबर है कि भारतीय रेल कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए यात्री डिब्बों और केबिन को देने पर विचार कर रहा है. बता दें भारतीय रेलवे 13,523 यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन करता है.
लेकिन कोरोनावायरस के चलते सभी यात्री ट्रेनों की सेवाएं 14 अप्रैल तक के लिए रद्द की गई है.
ऐसे में खाली डिब्बों और केबिन को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए इस्तेमाल करने के मुद्दे पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव से सभी जोन के महाप्रबंधकों और डिविजन रेलवे के प्रबंधकों के साथ बैठक में शौचालय युक्त डिब्बों को आइसोलशन वार्ड के तौर पर इस्तेमाल के प्रस्ताव पर चर्चा की.
पीएम ने इनोवेटिव उपायों पर काम करने को कहा था
बताया गया है कि यह विचार मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहे जाने के बाद आया है. पीएम मोदी ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कोरोना वायरस की वजह से चिकित्सा सुविधाओं के लिए इनोवेटिव उपायों पर काम करने को कहा था.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बताया है कि इन डिब्बों और केबिन का इस्तेमाल चलते फिरते अस्पताल के रूप में किया जा सकता है, जिसमें परामर्श कक्ष, मेडिकल स्टोर, गहन चिकित्सा कक्ष और रसोईयान की सुविधा होगी.
रेलवे के इन डिब्बों को उन इलाकों में भेजा जा सकता है, जिन इलाकों में कोरोना का ज्यादा प्रकोप हो और जहां मेडिकल सुविधा ज्यादा नही हैं. ऐसे में रेलवे का विस्तृत नेटवर्क काम आ सकता है.
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