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फ्लाइट से भी महंगा हुआ रेलवे में थर्ड AC का सफर

रेलवे को फायदा पहुंचाने वाले फ्लेक्सी फेयर आइडिया से यात्रियों को हो रहा है भारी नुकसान.

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राजधानी दिल्ली में जब ओला-उबर जैसी टैक्सी सर्विस ने सर्ज प्राइजिंग का फॉर्मूला लागू किया तो मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. लेकिन रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने भारतीय रेलवे में भी यही फॉर्मूला लागू कर दिया, जिसका असर करोड़ों यात्रियों पर पड़ा है. खासतौर पर अगर आप फेस्टिव सीजन में कहीं जाने की सोच रहे हैं तो इस सर्ज प्राइजिंग की वजह से ट्रेन के थर्ड एसी का सफर आपको फ्लाइट से भी महंगा पड़ सकता है.

रेलवे की ओर से लगाई गई सर्ज प्राइसिंग की वजह से प्रीमियम टिकटों की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है, जिसके बाद अब यात्रियों को तीन से पांच गुना ज्यादा तक किराया चुकाना पड़ रहा है.

प्रीमियम टिकट के लिए चुकाना पड़ रहा है दोगुना किराया

फेस्टिव सीजन में सीटों के लिए मारामारी की वजह से प्रीमियम टिकटों के लिए यात्रियों को दोगुने से भी ज्यादा चुकाना पड़ रहा है. आज की तारीख में अगर आप दिल्ली से कोलकाता के लिए नॉर्मल एक्सप्रेस ट्रेन में थर्ड एसी का प्रीमियम टिकट चाहते हैं तो इसके लिए आपको 7,185 रुपए और 2एसी के लिए करीब 9 हजार रुपए तक चुकाने होंगे. यह किराया आम दिनों के मुकाबले 3 से 4 गुना ज्यादा है. वहीं सामान्य दिनों में फ्लाइट का किराया 3 से 5 हजार तक होता है.

रेलवे का फ्लैक्सी फेयर आइडिया फ्लॉप

सरकार ने हालही में रेलवे की कमाई बढ़ाने के लिए शताब्दी, राजधानी और दूरंतो ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू किया था. इस सिस्टम के मुताबिक, टिकट बुक होने के साथ-साथ किराया बढ़ता जाता है. हालांकि यह आइडिया फ्लॉप होता दिख रहा है, क्योंकि इस स्कीम की वजह से 90 फीसदी यात्रियों को ज्यादा किराया देना पड़ रहा है.

आखिरी वक्त में टिकट बुक करने वाले यात्रियों को डेढ़ से दो गुना तक किराया चुकाना पड़ रहा था, लिहाजा अब इन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री सामान्य किराए वाली ट्रेनों में सफर कर रहे हैं.

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