संसद की एक समिति के मुताबिक, विमान यात्रियों के लिए निजी क्षेत्र की एयरलाइन इंडिगो का प्रदर्शन सबसे खराब है. इस समिति ने एयर इंडिया की यात्री-सामान नीति को सबसे अच्छा बताया है.
पर्यटन, संस्कृति, सड़क, जहाजरानी और विमानन से जुड़ी संसद की स्थाई समिति की ताजा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए टीएमसी नेता और समिति के अध्यक्ष डेरेक ओ-ब्रायन ने इस बात की जानकारी दी.
त्यौहारों पर ज्यादा किराया वसूले जाने को समिति ने गंभीरता से लिया
डेरेक ओ-ब्रायन ने गुरुवार को कहा कि त्यौहारों के दौरान कुछ एयरलाइनों द्वारा सामान्य किराए से 8-10 गुना ज्यादा किराया लिए जाने को समिति ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा,
‘इस बात को लेकर हमारी समिति का रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि यात्रियों के लिए इंडिगो सबसे खराब एयरलाइन है. सभी 30 सदस्य इस बात पर सहमत हैं. कई शिकायतों के बावजूद इंडिगो ने उन पर गौर नहीं किया.’
टीएमसी नेता ने कहा,
‘(समिति) का हर सदस्य कुछ निजी एयरलाइनों के तौर तरीकों से निराश है. लेकिन इंडिगो के मामले में सब कुछ ज्यादा ही निराश हैं. यह एयरलाइन बहुत अशिष्ट है. एयरलाइन का रुख बहुत हठी है और कई बार वो सामान का वजन एक से दो किलोग्राम ज्यादा होने पर भी शुल्क वसूलती है. समिति इससे नाखुश है और उसने मामले को गंभीरता से लिया है.’
समिति की सिफारिश, टिकट रद्द कराने का चार्ज हो कम
बता दें कि इस समिति में अलग-अलग दलों के सदस्य शामिल हैं. टीएमसी नेता ने कहा कि विमानन क्षेत्र में कई तरह की समस्याएं हैं. उन्होंने कहा, ''समिति ने सिफारिश की है कि टिकट को रद्द कराने का चार्ज मूल किराये के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. एयरलाइन्स बहुत ज्यादा पैसे वसूल रही हैं.''
इसके अलावा सामान से जुड़ी नीति के बारे में उन्होंने कहा कि सरकारी एयरलाइन की नीति सबसे अच्छी है और अन्य विमानन कंपनियों को भी सामान की (वजन) सीमा बढ़ानी चाहिए.
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