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चंद्रयान-2: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘पहली लैंडिंग’,जानें सबकुछ

चंद्रयान-2 के साथ 13 पेलोड जाएंगे. यह चंद्रमा से जुड़ी अलग-अलग जानकारियां इकट्ठा करेंगे

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चंद्रयान-1 के सफल परीक्षण के बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन चंद्रयान-2 की ओर बढ़ रहा है. 15 जुलाई को सुबह दो बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 को लॉन्च किया जाएगा. जानिए चंद्रयान-2 से जुड़ी खास बातें-

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  • चंद्रयान-2 कुल मिलाकर तकरीबन 3800 किलोग्राम भारी है. इस पूरी परियोजना में 603 करोड़ का खर्च आया है.
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित मंजिनस सी और सिमपेलियस के बीच चंद्रयान लैंड करेगा. चंद्रयान के साथ 13 पेलोड भी जाएंगे. इनमें तीन मॉड्यूल ऑर्बिटर भी शामिल हैं. बता दें अभी तक ज्यादातर देशों के मिशन उत्तरी ध्रुव के आसपास ही लैंड होते रहे हैं.
  • विक्रम नाम का लैंडर और प्रज्ञान रोवर भी चंद्रयान से अटैच हैं. इसके अलावा रिसर्च के लिए 8 पेलोड भी शामिल हैं. इनमें कुछ पेलोड लैंडर और रोवर से भी अटैच हैं.
  • चंद्रयान को जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. यह रॉकेट तीन स्टेज में काम करता है. पहली में ईधन और दूसरी स्टेज में तरल ईंधन से काम लिया जाता है. वहीं तीसरी स्टेज में क्रायोजैनिक इंजन काम करता है.
चंद्रयान- II के जरिए चंद्रमा की सतह-मिट्टी की जानकारी, पानी की मात्रा, अन्य खनिजों और पर्यावरण की स्थिति से संबंधित तथ्य पता लगाने की कोशिश की जाएगी.
  • इसरो पहली बार चंद्रयान के साथ लैंडर भेज रही है. इसका नाम मशहूर भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के ऊपर रखा गया है. लैंडर में तीन पेलोड शामिल हैं. यह पेलोड चंद्रमा पर इलेक्ट्रॉन का घनत्व, टेम्परेचर वेरिएशन और जमीन के नीचे की हलचलों के बारे में पता लगाएंगे.
  • लैंडर के भीतर रोवर प्रज्ञान मौजूद रहेगा. यह एक तरह का रोबोट है. यह आसपास तकरीबन आधे किलोमीटर तक चल सकेगा. पृथ्वी के हिसाब से यह 14 दिन चंद्रमा पर मौजूद रहेगा. इसके जरिए चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों के बारे में पता लगाया जाएगा.

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