देश का नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-29 बुधवार को सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च हो गया है. अपनी दूसरी उड़ान में GSLV-MK 3 रॉकेट जीसैट-29 को भू स्थिर कक्षा में स्थापित करेगा.
जीसैट-29 उपग्रह उच्च क्षमता वाले का और कू-बैंड के ट्रांसपोंडरों से लैस है. इससे पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर सहित देश के दूर-दराज के इलाकों में संचार जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
इसरो ने कहा,
श्रीहरिकोटा में जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट वाले जीसैट-29 के लिए उल्टी गिनती मंगलवार दिन में दो बजकर 50 मिनट पर शुरू हुई.
मौसम अनुकूल नहीं रहने पर टल सकती थी लांचिंग
इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा था कि मौसम के अनुकूल नहीं रहने पर प्रक्षेपण टाला जा सकता है. तिरूमला में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लेकिन, हमें उम्मीद है कि कल शाम तक प्रक्षेपण होगा.'' मौसम विभाग ने 11 नवंबर को कहा था कि चक्रवात गाजा के 15 नवंबर को उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिण आंध्रप्रदेश तट के बीच कुड्डालोर और श्रीहरिकोटा पार करने का अनुमान है. यह तेजी से तमिलनाडु की तट की तरफ बढ़ रहा है और उसके 15 नवंबर तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. जी-सैट 29 की लांचिंग से भारत अंतरिक्ष में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर लेगा.
जीसैट-29 उपग्रह उच्च क्षमता वाले का और कू-बैंड के ट्रांसपोंडरों से लैस है. इससे पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर सहित देश के दूर-दराज के इलाकों में संचार जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. भारतीय अतंरिक्ष वैज्ञानिकों ने लांचिंग के लिए काफी तैयारी की थी.
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