प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की निष्ठा और देश के प्रति समर्पण पर कोई संदेह नहीं उठाया है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में सफाई दी.
ये विवाद गुजरात चुनाव के दौरान का है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिशंकर अय्यर के घर डिनर का हवाला देते हुए सवाल उठाया था कि उसमें पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी और उच्यायुक्त के साथ पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की मौजूदगी में गुजरात चुनाव पर चर्चा हुई थी.
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की थी. कांग्रेस ने साफ कर दिया था कि सरकार की सफाई आने तक राज्यसभा में कामकाज नहीं होने दिया जाएगा. अब राज्यसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने सरकार के बयान के बाद राज्यसभा में गतिरोध खत्म करने का ऐलान किया है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बयान में कहा
हमें पूर्व मनमोहन सिंह या पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की निष्ठा पर किसी भी तरह का संदेह नहीं है. प्रधानमंत्री जी ने भी अपने भाषणों में उनके इरादों पर ना तो सवाल उठाए और ना ही उनका ऐसा करने का उनका कोई मकसद था. प्रधानमंत्री ने भाषण से ऐसा कोई मतलब निकालना गलत है. हम इन दोनों नेताओं का पूरा सम्मान करते हैं और भारत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता संदेह से परे है.
कांग्रेस हालांकि पीएम मोदी से माफी की मांग कर रही थी. लेकिन जेटली के बयान के बाद आजाद ने कहा कि वो राज्यसभा के नेता की भावनाओं की कद्र करते हैं. आजाद ने कहा वो अपनी पार्टी की तरफ से कहना चाहते हैं कि हम प्रधानमंत्री पद की प्रतिष्ठता कम करने पर यकीन नहीं करते. इसलिए कांग्रेस पार्टी का चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ की कई टिप्पणियों से कोई लेना देना नहीं है. प्रधानमंत्री के खिलाफ बदनीयत से दिए गए बयान खारिज करते हैं.
गुलाम नबी आजाद का इशारा कांग्रेस के निलंबित नेता मणि शंकर अय्यर के बयान की तरफ था. जिसमें अय्यर ने पीएम मोदी को नीच किस्म का आदमी कहा था.
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