अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई के निदेशक पद से हटाए जाने के बाद जेम्स कोमी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कई गंभीर आरोप लगाए. कोमी ने सीनेट की इंटेलिजेंस कमेटी के सामने ट्रंप पर ज्युडिशियल सिस्टम में बाधा डालने की कोशिश का आरोप लगाया है.
उन्होंने ट्रंप पर यह भी आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए बर्खास्त किया गया, ताकि राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की चल रही जांच के तरीके को बदला जा सके.
सात पन्नों की अपनी गवाही में कोमी ने ट्रंप के साथ हुई बातचीत का ब्योरा दिया है. कोमी ने आरोप लगाए हैं कि ट्रंप ने अपने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन के खिलाफ जांच बंद करने के लिए कहा था. साथ ही ट्रंप ने कोमी से अपने प्रति वफादार रहने की मांग की थी.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूसी संबंध की जांच रोके जाने का अनुरोध ‘बेहद परेशान’ करने वाला था. ट्रंप ने यह कहकर अमेरिकी जनता को गुमराह किया कि पिछले महीने उन्हें बर्खास्त किए जाने के बाद एफबीआई अव्यवस्थित स्थिति में था, जो कि साफ तौर पर झूठ था.जेम्स कोमी, पूर्व निदेशक, एफबीआई
साथ ही कोमी ने यह भी कबूला कि उन्होंने ट्रंप को यह भी सूचना दी थी कि वह एफबीआई की जांच के दायरे में नहीं हैं.
कोमी के इन बयानों के बाद अमेरिकी राजनीति में हलचल मच गई है. डेमोक्रेटिक सीनेटर एड मार्के ने कहा कि कोमी का बयान ट्रम्प के बर्ताव का जिक्र करता है कि वह कितने अयोग्य और कितनी बुरी शख्सियत हैं.
ट्रंप के वकील ने किया बचाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निजी वकील मार्क कासोवित्ज ने कहा है कि ट्रंप एफबीआई के पूर्व निदेशक जेम्स कोमी की सीनेट की इंटेलिजेंस कमेटी के सामने गवाही के बाद खुद को पूरी तरह निर्दोष महसूस कर रहे हैं.
मार्क ने कहा कि कोमी के बयान से यह साफ हो गया कि रूस के राजनीतिक हस्तक्षेप संबंधी जांच में राष्ट्रपति ट्रंप कभी भी जांच के दायरे में नहीं थे.
बयान में ट्रंप ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने निजी मुलाकात में कोमी से वफादारी निभाने या बर्खास्त किए गए पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन के बारे में जांच रोकने को कहा था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)