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अमरनाथ यात्री हमारे मेहमान, हिज्बुल ने कहा नहीं करेंगे हमला

प्रशासन का दावा- सुरक्षा के लिए किए गए पुख्ता इंतजाम

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भारत
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अमरनाथ यात्री हमारे मेहमान हैं उन पर कोई हमला नहीं करेंगे. कश्मीर घाटी में आने वाले श्रद्धालुओं को हिज्बुल मुजाहिदीन ने कथित ऑडियो संदेश के जरिए भरोसा दिलाया है.

सालाना अमरनाथ यात्रा के लिए इस पर सरकार ने जबरदस्त सुरक्षा का दावा किया है. लेकिन आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के मुताबिक वो यात्रियों को निशाना नहीं बनाएगा क्योंकि वो कश्मीर घाटी के लोगों के मेहमान हैं.

जम्मू में बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना हो गया है. जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रटरी बीवीआर सुब्रमण्यम, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार बीबी व्यास और विजय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर इन्हें रवाना किया.

इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए देशभर से 1.96 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है.

आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन की ओर से कथित तौर पर जारी किए गए इस ऑडियो में कहा गया है कि श्रद्धालुओं को तब तक डरने की जरूरत नहीं है जब तक वो कश्मीर में धार्मिक यात्रा के लिए आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि ऑडियो में हिज्बुल कमांडर रियाज नाइकू की आवाज है. हालांकि, इस ऑडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो पाई है.

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राज्यपाल के सलाहकार विजय कुमार के मुताबिक 'अमरनाथ यात्रा काफी महत्वपूर्ण है. सभी सुरक्षा एजेंसियों और डेवलपमेंट एजेंसियों के सहयोग से हमने ये सारी तैयारियां की है और यात्रियों का ध्यान रखते हुए उसे बेहतर करने की कोशिशें की गई हैं. इसके साथ ही, ट्रैफिक को सामान्य बनाने और सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है.'

सुरक्षा इंतजाम का दावा

घाटी में सुरक्षा के लिए तैनात कुल सुरक्षाकर्मियों की मौजूदा संख्या के अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की 213 कंपनियों को इस साल यात्रा के लिए अलग से बुलाई गई हैं. सेना, अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी यात्रा ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं.

इस साल की यात्रा के लिए पहली बार खुफिया अधिकारी सादी वर्दी में इलेक्ट्रॉनिक और मानव चौकसी करेंगे.

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ड्रोन से होगी यात्रा की निगरानी

पहली बार पूरी यात्रा की निगरानी ड्रोन के जरिए की जाएगी. कमांडो के मोटरसाइकिल दस्ते यात्रा मार्ग पर तैनात रहेंगे. इसके अलावा सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी मदद के लिए तैनात किए गए हैं.

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड एसएएसबी ने इस साल प्रत्येक मार्ग से हर रोज 7,500 यात्रियों को ही छोड़ने का निर्णय लिया है. इसमें हालांकि हेलीकॉप्टर सेवा के जरिए गुफा तक पहुंचने वाले यात्री शामिल नहीं होंगे.

समुद्र तल से 12,756 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु हर साल वहां उमड़ते हैं.

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