केंद्र सरकार ने मंगलवार को, जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवाओं की बहाली से जुड़े उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के एक बयान को वेरिफाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मुर्मू ने 4G सेवाओं को लेकर हाल ही में उससे कहा था, ‘’हम इसके लिए एक प्रतिनिधित्व कर रहे हैं... मुझे लगता है कि 4जी एक समस्या नहीं होगी. मुझे डर नहीं है कि लोग इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे. पाकिस्तान अपने प्रोपेगैंडा फैलाएगा ही, भले ही 2जी हो या 4जी. यह हमेशा रहेगा.’’
मंगलवार को जस्टिस एनवी रमन की अगुवाई वाली बेंच के सामने मामले को उठाते हुए, NGO फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रफेशनल्स की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने कहा: "उपराज्यपाल ने बयान दिया है कि 4G इंटरनेट को बहाल किया जाना चाहिए. यहां तक कि राम माधव, जो मुख्य वार्ताकार थे, का कहना है कि इंटरनेट को बहाल किया जा सकता है. मैं केवल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस पर ध्यान देने का अनुरोध कर रहा हूं. ”इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, ''हमें इसे वेरिफाई करना होगा.''
बता दें कि मेहता इस मामले में जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से पेश हुए हैं.
जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवा 5 अगस्त, 2019 से निलंबित चल रही है, जब केंद्र ने राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का ऐलान किया था.
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