झारखंड के सिमडेगा जिले में भूख से हुई बच्ची की मौत के मामले में मां को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है. उन्होंने गांव वालों से ही डर जताया है. दरअसल, कोयली देवी ने आरोप लगाया था कि उनकी 11 साल की बेटी भूख से तड़प रही थी और राशन की दुकान से उनको ये कहकर भगा दिया गया कि उनका आधार कार्ड लिंक नहीं हुआ है. उनकी 11 साल की बेटी ने भूख से दम तोड़ दिया. जिसके बाद गांव वालों ने उन पर गांव को बदनाम करने का आरोप लगा दिया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रशासन की तरफ से कोयली देवी को सुरक्षा मुहैया कराई गई है. हर वक्त उनके साथ कुछ पुलिसवाले तैनात रहेंगे. कोयली देवी ने कहा था कि वो लगातार डर में जी रही हैं. उनका कहना था कि लोगों ने उन्हें गांव छोड़ने तक का फरमान सुना दिया. गांव वालों ने कोयली देवी पर गांव का नाम खराब करने का आरोप लगाया.
झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू रॉय ने कहा है कि कोयली देवी को धमकाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
कोयली देवी के परिवार को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम (पीडीएस) के तहत राशन मिलता था. फूड सिक्योरिटी को लेकर काम करने वाली संस्था ‘राइट टू फूड कैंपेन’ का दावा है कि पीडीएस स्कीम के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन पिछले कई महीनों से नहीं मिल पा रहा था. क्योंकि इस परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था.
बच्ची की मां कोयली ने मीडिया को बताया, “राशन की दुकान पर चावल लाने गई, लेकिन आधार कार्ड लिंक नहीं होने की वजह से दुकानवाले ने राशन नहीं दिया. बच्ची को खाना स्कूल से मिल जाता था. लेकिन दुर्गा पूजा की छुट्टियों के वजह से स्कूल भी बंद हो गया था. जिसके चलते वहां से मिड डे मील भी नहीं मिला. मेरी बेटी भात-भात चिल्लाते हुए मर गई.”
मीडिया में खबर में आने के बाद झारखंड के फूड एंड सिविल सप्लाइज मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों को पहले से निर्देश दिया गया था कि अगर किसी का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है फिर भी उसे राशन दिया जाए. प्रशासन ने ये भी कहा कि बच्ची की मौत भूख से नहीं बल्कि मलेरिया से हुई थी.
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