गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ट्वीट के मामले में असम की एक कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के ठीक बाद आज फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बार जिग्नेश मेवाणी को दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसके FIR कॉपी के अनुसार जिग्नेश मेवाणी पर एक महिला अधिकारी ने धक्का मुक्की करने और 'गलत तरीके से छूने' का आरोप लगाया है.
FIR कॉपी के अनुसार गिरफ्तार MLA जिग्नेश मेवाणी को LGB एयरपोर्ट से कोकराझार ले जाते समय अन्य पुलिस अधिकारी के साथ यह महिला अधिकारी भी थी. महिला अधिकारी ने अपने तहरीर में कहा है कि जिग्नेश मेवाणी ने ड्यूटी के दौरान उनसे धक्का मुक्की की और उन्हें 'धक्का देते समय गलत तरीके से छूआ".
जिग्नेश मेवाणी मेवाणी को पहली बार 20 अप्रैल की देर रात गुजरात के पालनपुर से असम पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार किया था. जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ असम के कोकराझार के एक बीजेपी नेता ने शिकायत दर्ज की थी.
बीजेपी नेता अरूप कुमार डे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी पर जिग्नेश मेवाणी के ट्वीट से "एक खास समुदाय से संबंधित जनता के एक वर्ग को उकसाने की संभावना है".
वडगाम सीट से 41 साल के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी पर आपराधिक साजिश, पूजा स्थल से जुड़े अपराध, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और शांति भंग करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है.
दूसरी तरफ जिग्नेश मेवाणी ने गिरफ्तारी को "प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा बदले की राजनीति" करार दिया है. मेवाणी ने आज रिपोर्टरों से कहा कि
"यह बीजेपी और RSS की साजिश है. मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. वे व्यवस्थित रूप से ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने रोहित वेमुला के साथ ऐसा किया, उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के साथ ऐसा किया, अब वे मुझे निशाना बनाया जा रहा है."
जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि "मोदी जी, आप राज्य मशीनरी का दुरूपयोग कर असहमति को कुचलने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन आप सच को कभी कैद नहीं कर सकते"
मालूम हो कि निर्दलीय विधायक मेवाणी ने घोषणा कर रखी है कि वह अगला चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे.
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