कोरोना वायरस के संकट के बाद से इकनॉमी में भयानक झटका लगा है. लॉकडाउन के बाद से देश में करोड़ो लोगों का रोजगार छिन गया है, लाखों लोगों की नौकरी गई है और कई सारी कंपनियों ने सैलरी में कटौती की है. लेकिन कोरोना वायरस का ये संकट चुनौतियों के साथ-साथ नए मौके भी लेकर आया है.
टीमलीज सर्विसेज के को-फाउंडर और चेयरपर्सन मनीष सभरवाल ने क्विंट के साथ इंटरव्यू में बताया कि लॉकडाउन के बाद कंपनियों को ज्यादा सैलरी पर कर्मचारी रखने पड़ सकते हैं. जॉब मार्केट के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बताया है कि कहां नौकरियां जाएंगी और कहां पैदा होंगी.
अभी नौकरी नहीं, आगे मिलेगी ज्यादा सैलरी
सभरवाल का कहना है कि सैलरी कंपनियां नहीं देती, सैलरी देता है ग्राहक और अभी ग्राहक नहीं है. लेकिन अगर आगे लॉकडाउन खुलेगा या तो कंपनियों को ज्यादा सैलरी पर कर्मचारी रखने होंगे, क्योंकि तब काम करने वाले लोग तुरंत मिलेंगे नहीं. लोग बड़े शहरों से बड़े पैमाने पर गांव चले गए हैं. ये लोग आएंगे, लेकिन उसमें वक्त लगेगा. ऐसे में ये उम्मीद की जा सकती है कि जो लोग शहरों में या उद्योगों के पास रुके रहेंगे उनको काम भी मिलने की संभावना है और सैलरी भी ज्यादा मिलेगी.
इन सेक्टर में घटेंगी नौकरियां
कुछ सेक्टर ऐसे हैं जिन पर कोरोना ने ऐसा झटका मारा है. जब तक कोरोना वायरस का कोई पुख्ता इलाज या वैक्सीन नहीं मिल जाती तब कई ऐसे सेक्टर में अच्छे दिन दूर की कौड़ी है. जब तक जिंदगी पहले की तरह पटरी पर नहीं लौटती तब तक ऐसे सेक्टरों में कोई नए जॉब नहीं आने वाले. बल्कि इन सेक्टर्स में बड़े पैमाने पर नौकरिया जाने लगी हैं, बिना सैलरी के लोगों को छुट्टी पर भेजा जा रहा है.
एविएशन सेक्टर
कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर जिन इंडस्ट्रीज पर पड़ा है उसमें से एक है एविएशन. भारत में देशी विदेशी उड़ाने बंद हो चुकी हैं. दुनिया के दूसरे देशों में भी अब विमानों का उड़ना न के बराबर है. इन परिस्थितियों में इस सेक्टर में नई नौकरियों की तो उम्मीद ही नहीं है बल्कि पुरानी नौकरिया भी जा रही हैं. गो एयर ने सिर्फ 40% कर्मचारियों को सैलरी दी है. वैश्विक संगठन इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के अनुसार कोरोना वायरस के कारण भारत के विमानन और उससे जुड़े क्षेत्रों में 20 लाख से अधिक नौकरियों का खतरा है
होटल और पर्यटन
उड़ानें बंद होने से विदेशी यात्री नहीं आ सकेंगे और देश के अंदर भी घूमना कब तक बंद रहेगा कहा नहीं जा सकता. ऐसे में हॉस्पिटेलिटी सेक्टर पर जबदस्त झटका है. यहां भी नौकरियां जाने की पूरी आशंका है. नई नौकरियां निकलने का कोई चांस नहीं है. विदेशी पर्यटकों का भारत में आकर घूमना भारत के लिए रोजगार के खासे मौके देता था, लेकिन अब टूरिज्म कारोबार करीब-करीब 2 महीने से बंद पड़ा है. ऐसे में नई जॉब यहां भी नहीं हैं
MSME
MSME सेक्टर को सहारा देने के लिए सरकार की तरफ से कोई खास राहत अभी तक नहीं आई है. दूसरी तरफ बड़े उद्योगों के लंबे वक्त तक रहने से इन छोटे उद्योगों को कच्चे माल से लेकर सप्लाई साइड में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. कारोबारी के मन से जब तक भविष्य का डर दूर नहीं हो जाता तब तक वो अपने कारोबार को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचेंगे, जितना है उसे ही बरकरार रख लें, वही बड़ी बात होगी.
किन नौकरियों में बढ़ेंगे मौके
एक्सपर्ट कह रहे हैं कि जब तक कोरोना वायरस का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं निकलती तब तक हमें कोरोना के साथ ही जीवन जीने की आदत डालनी होगी. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जीवन बिताने में जो सेक्टर ज्यादा उपयोगी साबित होंगे ऐसे सेक्टर्स में नई संभावनाएं बनती दिखेंगी.
डिजिटल पेमेंट
सोशल डिस्टेंस निभाने के लिए डिजिटल पेमेंट एक अच्छा साधन है. इसलिए इस क्षेत्र में नौकरियां बढ़ने की संभावना है.
ई-कॉमर्स
शॉपिंग मॉल कल्चर, भीड़-भाड़ वाले बाजार अब बीते दिनों की बातें हो गई हैं. सरकार की खुद कोशिश है कि जरूरी चीजों की भी सप्लाई लोगों को घर में की जाए. ऐसे में ऑनलाइन खरीदारी का चलन बढ़ने वाला है. कोरोना काल में ई-कॉमर्स मार्केट में नौकरी की संभावनाएं अच्छी हैं.
लॉजिस्टिक्स एंड कस्टमर सर्विस
प्रोडक्ट्स के साथ-साथ सर्विसेज की भी घर पर डिलेवरी देखने को मिलेगी और इस सेक्टर में नए मौके मिलने की गुंजाइश है. हालांकि सर्विसेज महंगी होंगी लेकिन अब इस सेक्टर में काम करने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ेगी.
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