Joshimath Sinking News Update: जोशीमठ में लगातार बढ़ रहे भू धंसाव के कारण कई घरों में आई दरारों और जमीन के अंदर से लगातार हो रहे पानी के रिसाव ने केंद्र और राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है. एक तरफ जहां जोशीमठ को बचाने के लिए राज्य सरकार एक्शन मोड में दिख रही है तो वहीं केन्द्र सरकार ने भी 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. साथ ही 7 संस्थानों के विशेषज्ञों की टीम को जांच के बाद सिफारिश देने की जिम्मेदारी दी गयी है.
इस विषय पर प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा रविवार दोपहर पीएमओ में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ जोशीमठ के हालात को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोशीमठ की स्थिति के साथ ही वहां चल रहे राहत और बचाव कार्यों की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ली. मुख्यमंत्री धामी ने एक ट्वीट में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश सरकार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है.
PMO में बुलाई बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी मौजूद रहे
उत्तराखंड में आई इस बड़ी आपदा पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी मौजूद थे. ग्राउंड जीरो पर मौजूद जोशीमठ के जिला पदाधिकारी इस समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंस से शामिल हुए. उत्तराखंड के अनय वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल रहे.
सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य सोमवार को उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का आकलन करेंगे. पीएमओ के अनुसार NDMA, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, IIT रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम स्थितियों का अध्ययन करेगी और सिफारिशें देगी.
जोशीमठ आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित, आईटीबीपी ने खाली की कालोनी
जोशीमठ शहर में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है. जोशीमठ का अध्ययन कर लौटी विशेषज्ञों की टीम की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया. दीर्घकालिक समाधान के लिए जोशीमठ का जियो टेक्निकल व जियोफिजिकल अध्ययन कराया जाएगा. जिन क्षेत्रों में घरों में दरारें नहीं हैं, वहां भवन निर्माण के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी. साथ ही हाइड्रोलाजिकल अध्ययन भी कराने का निर्णय लिया गया है.
वहीं दूसरी ओर जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते कॉलोनी खाली कराई गई है. जोशीमठ में भू धंसाव के चलते सेना ने किराए के घर में रहने वाले अपने जवानों को अपने कैंपों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. जोशीमठ में भारतीय सेना की बिग्रेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक बटालियन तैनात है.
जोशीमठ भारत तिब्बत सीमा (चीन के अधिकार क्षेत्र) का अंतिम शहर है. यहां से नीति और माणा घाटियां भारत तिब्बत सीमा से जुड़ती हैं. इस बटालियन के कई जवान जोशीमठ में किराए के मकान में रहते हैं. शहर के मकानों में जिस तरह गहरी दरारें आ रही हैं, वह किसी के लिए सुरक्षित नहीं हैं. किसी अनहोनी से बचने के लिए सेना ने जवानों को ऐसे किराए के मकान तत्काल खाली करने को कहा है जहां दरारें आ रही है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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