पत्रकार से नेता बने जेडीयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश नारायण राज्यसभा के उपसभापति बन गए हैं. हरिवंश रांची से प्रकाशित होने वाले अखबार प्रभात खबर के समूह संपादक रहे. लेकिन पत्रकारिता से राजनीति में सफलता के झंडे गाड़ने वाले वो अकेले नेता नहीं है.
कलम के जरिए सरकारों की आलोचना करने या फिर किसी विशेष पार्टी के प्रति लगाव रखने वाले पत्रकारों के राजनीति में कूदने और सफल होने की लिस्ट लंबी है.
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1. हरिवंश नारायण सिंह
- हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति चुने गए
- जनता दल यूनाइटेड के बिहार से राज्यसभा सांसद
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़े
- 80 के दशक में हिंदी पत्रिका धर्मयुग से पत्रकारिता की शुरू की.
- बैंक ऑफ इण्डिया की नौकरी छोड़कर दोबारा पत्रकारिता में कूदे
- 1989 में हरिवंश ने रांची से छपने वाले प्रभात खबर अखबार में नौकरी की
- 1990 में पीएम चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार रहे
- चंद्रशेखर सरकार गिरने के बाद प्रभात खबर के ग्रुप संपादक भी बने
- 2014 में जेडीयू से राज्यसभा का सदस्य बनने के बाद प्रभात खबर संपादक पद छोड़ा
- राज्यसभा में उनका कार्यकाल अप्रैल 2014 से अप्रैल 2020 तक रहेगा.
2. एमजे अकबर
- एमजे अकबर बीजेपी से राज्यसभा सांसद
- मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री
- कोलकाता के प्रेजिडेंसी कॉलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई की.
- संडे, द टेलिग्राफ, एशियन एज, इंडिया टुडे जैसे बड़े संस्थानों में संपादक रहे
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3. अरुण शौरी
- 1998-से 2010 तक बीजेपी से दो बार राज्यसभा सांसद रहे
- अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में टेलीकॉम और विनिवेश मंत्रालय संभाला
- दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े
- इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया में संपादक रहे
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4. राजीव शुक्ला
- लगातार तीन बार 2000 से अप्रैल 2018 तक राज्यसभा सांसद रहे
- मनमोहन सिंह सरकार में संसदीय कार्यमंत्री रहे
- नब्बे के दशक में हिंदी पत्रकारिता का जाना माना नाम थे.
- ‘रूबरू’ और ‘निशान’ जैसे टीवी शो के सफल एंकर
- हिंदी अखबार दैनिक जागरण, जनसत्ता में काम किया
- इसके अलावा संडे ऑब्जर्बर मैग्जीन में संपादक भी रहे.
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5. चंदन मित्रा
- 2003 से 2009 तक बीजेपी से राज्यसभा सांसद रहे.
- अभी बीजेपी से अलग होकर टीएमसी में शामिल
- पत्रकारिता की शुरुआत कोलकाता में द स्टेट्समैन के सहायक संपादक के रूप में की
- टाइम्स ऑफ इंडिया, द संडे ऑब्जर्वर और हिंदुस्तान टाइम्स में भी काम किया
- अभी अंग्रेजी अखबार पॉयनियर के मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ
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6. कुमार केतकर
- अभी कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद
- लंबे वक्त से पत्रकारिता अखबार दिव्य मराठी के संपादक
- पहले मराठी अखबार लोकसत्ता के भी संपादक रहे
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7. स्वपन दास गुप्ता
- मोदी सरकार ने स्वपन दास गुप्ता को राज्यसभा में मनोनीत किया
- पत्रकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत साल 1986 में द स्टेट्समैन अखबार से की
- टाइम्स ऑफ इंडिया में ‘राइट एंड रॉन्ग’ नाम से कॉलम लिखते रहे हैं.
- इंडिया टुडे के सीनियर संपादक भी रहे
- इसके अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘टेलिग्राफ’, ‘इंडियन एक्सप्रेस में भी काम किया
- इंडिया टुडे, आउटलुक मैगजीन में शीर्ष पदों पर रहे
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