बजरंग दल (Bajrang Dal) के कार्यकर्ताओं द्वारा धर्मांतरण के आरोप पर मुस्लिम परिवार को पीटने के मामले मे कानपुर पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है. बजरंग दल के कानपुर (Kanpur) दक्षिण के जिला संयोजक दिलीप सिंह 'बजरंगी ' के विवादित बयान के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है और कानपुर पुलिस मूकदर्शक बनी रही. एक साल पहले भी दिलीप ने पुलिस को धमकी दी थी और तब भी उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ था.
जिला संयोजक ने खुद कैमरे के सामने आकर स्वीकारा है कि उन्होंने 'हिंदू समाज को बचाने' के लिए मुस्लिम युवक को पीटा है, लेकिन इसके बावजूद भी कानपुर पुलिस ने दिलीप सिंह 'बजरंगी' को नामजद नहीं किया है.
दिलीप सिंह ने मुस्लिम युवक की पिटाई के मामले में कैमरे के सामने आकर कहा कि 'हम लोग अपने हिंदू समाज को आहत नहीं होने देंगे. हम अपने सनातन धर्म को बचाने के लिए खुद सक्षम हैं.' सिंह ने कहा, "अगर हमारा हिंदू परिवार किसी भी तरह से परेशान होगा तो हम लोग उसके लिए ढाल बनकर खड़े होंगे. किसी को पलायन नहीं करने देंगे. जब तक हम लोग है हिन्दू परिवार पर कोई संकट नहीं आने देंगे."
'हमारे एक हिंदू परिवार की बहन है. उनको क्षेत्र के कुछ मुस्लिम अनावश्यक प्रकार से धर्म परिवर्तन, लव जेहाद और छेड़खानी करके काफी परेशान करते थे. जिसको लेकर थाना बर्रा में तहरीर दी गई थी जिसमें प्रशासन ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. फिर बाद मे संगठन के दबाव में आकर धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया था. लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई और अनावश्यक बहनों को परेशान करते हैं और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते है जिसको लेकर मैंने दो दिन पहले थाना प्रभारी महोदय को सूचना दी थी लेकिन कुछ नहीं हुआ और अपराधी खुलेआम घूम रहे है."
बजरंगी ने एक साल पहले दी थी पुलिस को धमकी
इसी दिलीप सिंह 'बजरंगी' ने कानपुर में ऐसे ही ठीक 1 साल पहले अगस्त में पुलिस को धमकी दी थी. कानपुर में 29 जून 2020 को अपने घर से निकली शालिनी यादव नाम की एक लड़की ने मुस्लिम धर्म के लड़के से शादी कर ली थी. मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किदवई नगर थाने का घेराव करके पुलिस के सामने ही ‘लड़कियां उठा लेने की’ धमकी दी थी. मगर पुलिस का रुख इस धमकी को लेकर सख्त नजर नहीं आया था .
दिलीप सिंह ने तत्कालीन सीओ बाबूपुरवा आलोक सिंह के सामने धमकी देते हुए कहा था कि वो 'मुस्लिम परिवार की लड़कियों को उठा लाएंगे.'
‘'हमारा आपसे आग्रह है कि 12 घंटे के अंदर हमारी बहन (शालिनी) को उसके परिवार के पास लाया जाए, नहीं तो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग उन लोगों (फैसल के परिवार) के यहां जाकर उनके घर की बहनों को लेकर आएंगे.’’
तब क्विंट ने तत्कालीन एसएससी डॉ प्रीतिंदर सिंह से सवाल किया था तो उन्होंने कार्रवाई की बात कही थी लेकिन बाद में कुछ ऐसा नहीं हुआ. अगर पुलिस द्वारा पहले ही दिलीप सिंह 'बजरंगी ' के ऊपर कार्रवाई की जाती तो उसने शायद आज दोबारा पुलिस को धमकी न दी होती.
क्या है पूरा मामला?
बर्रा इलाके में एक महिला ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के पास जाकर शिकायत की थी कि मोहल्ले के पड़ोसी मुस्लिम उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं. महिला की बात सुन कर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम परिवार के घर पर धावा बोल दिया.
आरोप है कि इन्होंने मुस्लिम युवक को बेहरमी से पीटा, उससे जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए. इस बीच पिट रहे युवक को बचाने के लिए उसकी बच्ची आई तो बजरंग दल वालों ने उसे भी नहीं बख्शा.
सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को दबाने का प्रयास किया. लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और तीन लोगों पर केस दर्ज हुआ. पुलिस ने अजय उर्फ राजेश, अमन गुप्ता और राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन बजरंग दल के धरना प्रदर्शन के दबाव में आकर उनको थाने से ही छोडना पड़ा. बाद मे तीन और अभियुक्त की गिरफ्तारी की गई.
पूरे प्रकरण पर पुलिस कमिश्नर कानपुर असीम अरूण ने कहा, "किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की छूट नहीं दी जा सकती है. तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अन्य के लिए पुलिस की कार्रवाई जारी है."
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