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कानपुर: शहीद की बहन बोली-नेताओं को सुरक्षा,जवानों को जैकेट तक नहीं

शहीद सिपाही राहुल के पिता ने कहा महकमे की गद्दारी की वजह से उनका बेटा शहीद हुआ है.

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भारत
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उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू गांव में बदमाशों से मुठभेड़ में जिन 8 पुलिस वालों की जान चली गई उनमें औरैया का रहने वाला सिपाही राहुल भी शामिल था. राहुल का पार्थिव शरीर उसके गांव रुरुकला पहुंचा तब पूरा गांव गमगीन था. इस दौरान उनके पिता ओम कुमार और राहुल की बड़ी बहन नन्दनी ने मीडिया के सामने अपनी भड़ास निकाली और पुलिस महकमे और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.

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शहीद सिपाही राहुल के पिता ने कहा महकमे की गद्दारी की वजह से उनका बेटा शहीद हुआ है. उन्होंने कहा कि इस अनहोनी को कोई टाल नहीं सकता है. अचानक हुए हमले के चलते वो लोग संभल नहीं पाए. इसमें किसी अपने का ही हाथ है, किसी ने दुबे को बताया कि तुम्हारे घर पर दबिश देने पुलिस आ रही है.

राहुल की बहन ने कहा- पुलिसवालों को हेलमेट वगैरह की सुविधा क्यों नहीं दी, सरकार पुलिस को सपोर्ट नहीं करती इसलिए ये हुआ है. मुठभेड़ पर जा रहे थे पूरी तैयारी क्यों नहीं थी? नेताओं की सुरक्षा में 20-20 पुलिस वाले और जवानों को कुछ नहीं.

राहुल की बहन ने ये भी बताया कि 'जब राहुल मुठभेड़ में जा रहा था, तब उसने घर पर भी बताया था. तो पापा ने बोला कि मुठभेड़ में जा रहा है, संभलकर जाना.'

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बता दें कि कानपुर में पुलिस की एक टीम अपराधी विकास दुबे की तलाश में गई थी. गुरूवार शाम करीब चार थानों की पुलिस ने डीएसपी के नेतृत्व में गांव में दबिश दी. लेकिन विकास दुबे सारी योजना बना चुका था. उसने रास्ते में जेसीबी खड़ी करवा दी, ताकि पुलिस वाले बिखर जाएं, साथ में आसपास के घरों पर अपने आदमी तैनात कर दिए. इसके बाद पुलिस की टीम पर घरों की छतों से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. जिसमें पुलिसकर्मियों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. इस हमले में कुल 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि दो बदमाशों को भी मार गिराया.

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