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कर्नाटक:मुस्लिम दुकानदारों पर बैन लगने के बाद BJP नेता-“क्या वे कन्नड़ नही हैं?”

बीजेपी एमएलसी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है.

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भारत
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कर्नाटक (Karnataka) में शिवमोगा के मरिकंबा जात्रा मेले में मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें लगाने से मना किए जाने वाले फैसले की बीजेपी नेता ने निंदा की है. बीजेपी एमएलसी अडागुरु हुचेगौड़ा विश्वनाथ ने मुस्लिम व्यापारियों पर लगाए गए प्रतिबंध पर निंदा करते हुए राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि इस मुद्दे पर बात की जाए. बीजेपी एमएलसी ने सवाल करते हुए कहा कि अगर मुस्लिम बहुल देशों में काम करने वाले भारतीय नागरिकों के साथ भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए जाएं तो क्या होगा?

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किसी भी धर्म ने ऐसी बातें नहीं कही हैं कि अन्य धर्म मानने वाले व्यक्ति को शामिल न किया जाए. इस मामले में सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. मुझे नहीं पता कि सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है. क्या मुस्लिम व्यापारी कन्नड़ नहीं हैं? जब पाकिस्तान और भारत का बंटवारा हुआ तो इस इस देश के मुसलमान यहीं रह गए, वे दूर नहीं गए. हमें इसके बारे में सोचना चाहिए, जो भारत में रुके हैं वे भारतीय हैं.

उन्होंने आगे कहा कि मुसलमान यहां व्यापार नहीं कर सकते, उस होटल को हटा दें- यह क्या है? यह एक ठीक स्थिति नहीं है. सरकार को इस मुद्दे को उठाना चाहिए, अपने धर्म और अपनी जाति को भूल जाओ, अगर वहां है पेट भरने के लिए कुछ नहीं होगा तो तुम क्या ढूँढोगे?

हिंदुत्व समूहों के अभियान के बाद शिवमोग्गा महोत्सव में मुसलमानों की दुकानों को नहीं लगाने दिया गया.

22 मार्च से कर्नाटक के शिवमोग्गा में आयोजित कोटे मरिकंबा जात्रा की आयोजन समिति ने त्योहार में मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें आवंटित करने से इनकार कर दिया था.

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बीजेपी के नेताओं और दक्षिणपंथी समूहों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने मांग की थी कि त्योहार में केवल हिंदू दुकानदारों को व्यापार करने की अनुमति दी जाए. समिति ने दबाव में आकर हिंदुत्व समूहों को दुकानों के आवंटन का टेंडर दिया था.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक समिति के अध्यक्ष एसके मरियप्पा ने कहा कि त्योहार के संगठन पैनल को अतीत में कभी भी सांप्रदायिक पूर्वाग्रहों से नहीं पहचाना गया है.

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने मुस्लिम दुकानदारों को अनुमति देने के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक अभियान चलाया. त्योहार शुरू होने में केवल तीन दिन बचे हैं, हम त्योहार सही तरह से संचालन के हित में उनकी मांग पर सहमत हुए.

जिले में फरवरी में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच लंबे समय तक तनाव देखने के बाद सांप्रदायिक मतभेद सामने आए, जब बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की हत्या कर दी गई थी.

इस बीच हिंदू जनजागृति समिति ने राज्य में उगादी समारोह के दौरान हलाल मांस उत्पादों (जो इस्लाम के मुताबिक सही है) का बहिष्कार करने के लिए कहा है.

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