कर्नाटक(Karnataka) में ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य और ठेकेदार संतोष पाटिल मंगलवार, 12 अप्रैल को उडुपी में मृत पाए गए. इसके बाद मृतक के भाई प्रशांत पाटिल का बयान और सुसाइड नोट सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हमें एक रूपया भी नहीं मिला और इस मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लेना चाहिए.
संतोष ने कर्नाटक के मंत्री पर सड़क निर्माण परियोजना के बिलों पर 40% कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया था.
मृतक के भाई ने आगे कहा कि जब तक मंत्री ईश्वरप्पा को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हम शव को नहीं हटाएंगे. यदि एक मिडिल क्लास व्यक्ति ने 4 करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट किया है, तो आप कैसे करेंगे. वह कर्ज लेकर कर सकता था. उन्होंने मेरे भाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया. उन्होंने 40 फीसदी कमीशन की मांग की. पूरे मामले के बारे में आप सभी जानते हैं. मैं मीडिया के माध्यम से जो मांग करना चाहता हूं वह यह है कि हमें न्याय मिले और ईश्वरप्पा को गिरफ्तार किया जाए.
पाटिल उन कई ठेकेदारों में से एक थे जिन्होंने कर्नाटक में बीजेपी सरकार पर ठेकेदारों से अत्यधिक रिश्वत मांगने और भ्रष्टाचार बढ़ाने का आरोप लगाया था
सुसाइड नोट में मंत्री ईश्वरप्पा को बताया जिम्मेदार
सुसाइड नोट में मृतक संतोष पाटिल ने मंत्री केएस ईश्वरप्पा को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया है. मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा, मेरी मौत के लिए पूरी तरह से आरडीपीआर मंत्री केएस ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं. मैं अपनी आकांक्षाओं को दरकिनार करते हुए यह फैसला ले रहा हूं. मैं हमारे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, हमारे प्रिय लिंगायत नेता बीएसवाई और अन्य सभी से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि मेरी पत्नी और बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं
मैं कुछ दोस्तों को अपने साथ ले आया हूं, उनसे झूठ बोलकर कि हम पिकनिक पर जा रहे हैं. लेकिन वे मेरी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं.
शिवमोगा में कांग्रेस का प्रदर्शन
इस बीच, इस खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शिवमोग्गा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाए गए. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने भी संतोष पाटिल की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)