प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से दिए गए भाषण में जम्मू-कश्मीर मुद्दे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्याओं हल गोली या गाली से नहीं, बल्कि वहां के लोगों को गले लगाकर ही किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि गोलियों या दुर्व्यवहार से कश्मीर समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता. पीएम ने कहा कि उनकी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शिक्षाओं का अनुसरण कर रही है.
अटलजी ने ‘इंसानियत’ (मानवता), ‘कश्मीरियत’ (उदार कश्मीरी संस्कृति) और ‘जम्हूरियत’ (लोकतंत्र) का आह्वान किया था. मैंने भी कहा है कि कश्मीर के मसले का समाधान कश्मीर के लोगों को गले लगाकर ही किया जा सकता है.पीएम मोदी
सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है सरकार
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू-कश्मीर में सभी वर्गों और क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, जहां फिलहाल राज्यपाल शासन हैं, वहां बहुप्रतीक्षित पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे.
सितंबर में होंगे शहरी स्थानीय निकाय चुनाव
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने बुधवार को बताया कि राज्य में शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव इस साल के आखिर में कराए जाएंगे. ये चुनाव लंबे समय से लंबित हैं. ‘शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम' में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान वोहरा ने कहा, ‘‘शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव लंबे से समय से नहीं हुए हैं.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित निकायों की स्थापना में लंबी देरी की वजह से काफी धनराशि का नुकसान हुआ है, जो कि चुनाव आयोजित कराए जाने पर उपलब्ध हो सकती थी.''
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव सितंबर-अक्तूबर में होंगे, जबकि पंचायत चुनाव अक्तूबर-दिसंबर में होंगे. जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार पंचायत चुनाव साल 2011 में हुए थे. वहीं शहरी स्थानीय निकाय चुनाव करीब पिछले आठ सालों से नहीं हुए हैं.
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