12 दिन से सुरक्षाबलों के कड़े साये में रह रहे जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य करने की कोशिश जारी है. इस बीच शनिवार को जम्मू इलाके में जम्मू, उधमपुर, सांबा और कठुआ में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. लेकिन कश्मीर घाटी के लिए पाबंदियां जारी रहेंगी.
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव वीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य के सभी सरकारी संस्थान पूरी तरह काम करने लगे हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुब्रमण्यम ने बताया कि अगले हफ्ते तक पूरे राज्य के स्कूल और टेलीकॉम सर्विस खुलना शुरू हो जाएगी. इन्हें धीरे-धीरे सभी इलाकों में खोला जाएगा.
‘कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हुई नेताओं की गिरफ्तारी’
कश्मीर के नेताओं की हिरासत पर मुख्य सचिव ने कहा कि उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है.
इससे पहले ऑल इंडिया रेडियो ने एक घोषणा में बताया था कि गवर्नर सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर में सचिवालय और सरकारी ऑफिसों को शुक्रवार से सामान्य तरीके से कामकाज का आदेश दिया था.
कश्मीरी पंडितों के अधिकार वापस दिए जाएंगे: राम माधव
शुक्रवार को ही कश्मीर मामले पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी नेता राम माधव ने कहा था कि 'यहां कुछ समूह सामान्य मानवाधिकारों से भी वंचित हैं. अपने ही देश में प्रवासी बनकर रह रहे कश्मीरी पंडितो को उनके अधिकार वापस दिए जाएंगे. यहां कुछ पाकिस्तानी प्रवासी भी हैं. उन्हें भी अधिकार मिलेंगे.
राम माधव ने बताया कि विधानसभा सीटों में परीसीमन किया जाएगा. कुल मिलाकर 114 सीटें होंगी. इनमें 24 पीओके की सीटें खाली रहेंगी.
कश्मीर में 4 अगस्त से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
बता दें जम्मू-कश्मीर 4 अगस्त से कड़ा पहरा है. 5 अगस्त को सरकार ने आर्टिकल 370 हटाए जाने का फैसला किया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का ऐलान किया था.
इससे बुधवार को पुलिस ने ऐलान किया था कि जम्मू में आने-जाने की पाबंदियों समेत ज्यादातर पाबंदियों को हटा दिया गया है.
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