पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कुलभूषण जाधव को काउंसल एक्सेस मुहैया कराया जाएगा. बुधवार को आईसीजे में हुई सुनवाई के दौरान जाधव को काउंसलर एक्सेस दिए जाने की भारत की मांग के पक्ष में फैसला आया था. पाकिस्तान की ओर से जासूसी और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज
18 जुलाई को देर रात पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर के ये जानकारी दी है कि आईसीजे में आए फैसले के बाद ये कदम उठाया गया गया है.
‘‘आईसीजे के फैसले के मुताबिक, कुलभूषण जाधव को काउंसल रिलेशन पर हुए वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 पैराग्राफ 1(बी) के अंदर आने वाले अधिकारों के बारे में बता दिया गया है. एक जिम्मेदार देश होने के नाते, पाकिस्तान अपने कानून के मुताबिक कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देगा जिसपर काम हो रहा है.’’पाकिस्तान विदेश मंत्रालय
जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलने के क्या हैं मायने
आईसीजे ने अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान, भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच देने के लिए वियना संधि के प्रावधानों के तहत ‘वचनबद्ध’ है. अब भारतीय हाई कमीशन जाधव से मुलाकात कर सकेगा और उन्हें वकील और दूसरी कानूनी सुविधाएं दे पाएगा.
बता दें कि जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने भारतीय जासूस बताते हुए मौत की सजा सुनाई हुई थी, पाकिस्तान का कहना है कि जाधव उनके देश में आतंकी गतिविधि में शामिल थे. जबकि भारत ने इसे गलत बताते हुए इसके खिलाफ आईसीजे में अपील की थी.
वियना संधि के उल्लंघन के लिए पाक को लगी फटकार
बुधवार, 17 जुलाई को इस केस में फैसला सुनाया गया और जिसमें भारत को बड़ी राजनयिक जीत और पाकिस्तान करारी फटकार मिली. आईसीजे ने इस मामले में पाकिस्तान को लताड़ भी लगाई है. कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को उनके अधिकारों के बारे में नहीं बताकर वियना संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
आईसीजे ने अपने फैसले में कहा,
‘‘इस मामले में पाकिस्तान अपने तरीके से कुलभूषण जाधव को दोषी ठहराए जाने और उन्हें दी गई सजा पर पुनर्विचार करे. इससे ये साबित हो सकेगा कि राजनयिक पहुंच(काउंसल एक्सेस) के लिए वियना संधि के उल्लंघन के प्रभाव को दूर करने के लिए उचित बल दिया गया है.’’
हालांकि आईसीजे ने भारत की उन मांगों को खारिज कर दिया जिनमें जाधव को दोषी ठहराने के सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उन्हें रिहा करने और भारत तक सुरक्षित तरीके से पहुंचाना शामिल है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)