सूरत में एक बार फिर मजदूरों ने घर जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है. इसमें कुछ जगहों पर पुलिस और मजदूरों में झड़प की खबरें सामने आ रही हैं. सूरत के मुख्य औद्योगिक क्षेत्र के पास मोरा गांव के बाहर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों और पुलिस में टकराव हुआ है. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा.
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों की मांग है कि उन्हें ले जाने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे मजदूरों में बड़ी संख्या झारखंड और उत्तरप्रदेश के मजदूरों की है. पुलिस मजदूरों से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश भी कर रही है.
पहले भी हुए मजदूर प्रदर्शन
बता दें सूरत के कपड़ा और दूसरे उद्योगों में बड़ी संख्या में मजदूर रहते हैं. पहले भी दो बार मजदूरों ने घर जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किए थे. लंबे खिंच रहे लॉकडॉउन के चलते मजदूरों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा है.
पहली बार 11 अप्रैल को हुए प्रदर्शन के बाद 60 लोगों को हिरासत में भी लिया गया था. उस प्रदर्शन में कुछ सब्जी के रेहड़ियों में आग भी लगाई गई थी. हिंसा के चलते पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था. मजदूरों का दूसरा जमावड़ा चार मई को लगा था. इसमें मजदूरों ने आकने-पीने के सामान और घर जाने की व्यवस्था कराए जाने की मांग की थी.
सरकार मजदूरों को ले जाने के लिए राज्यों की रजामंदी से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है. लेकिन इसमें एक बार में 1100 से 1200 तक ही यात्री जा सकते हैं.
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