लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा हालातों में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत नहीं है.
बता दें केंद्र सरकार ने देश में हर धर्म के लोगों के लिए एक यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लॉ कमीशन से कानूनी राय मांगी थी. इसके अलावा तीन तलाक, बहु-विवाह और हलाला पर भी लॉ कमीशन से राय मांगी गई थी.
लॉ कमीशन की रिपोर्ट में क्या है?
- रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा हालातों में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत नहीं है.
- मौजूदा पर्सनल कानूनों में सुधार की जरूरत है.
- धार्मिक परंपराओं और मूल अधिकारों के बीच सामंजस्य बनाने की जरूरत है.
- तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है.
- मुस्लिम बहुविवाह करने वाले लोगों की संख्या ना के बराबर है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जिन्होंने एक से ज्यादा शादी करने के लिए मुस्लिम धर्म अपनाया.
- लॉ कमीशन ने सभी धर्मों के अवैध बच्चों के लिए स्पेशल कानून बनाने की सिफारिश की है, ताकि इन बच्चों को अपने माता-पिता की संपत्ति में बराबर का हक मिल सके.
‘लड़का हो या लड़की, शादी के लिए हो उम्र हो 18 साल’
लॉ कमीशन ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में शादी के लिए लड़का और लड़की, दोनों की उम्र 18 साल होने की सिफारिश की है. फिलहाल, शादी के लिए लड़के की उम्र 21 और लड़की की उम्र 18 साल होनी चाहिए.
लॉ कमीशन ने कहा है कि इससे इस मान्यता को बढ़ावा मिलता है कि लड़की हमेशा लड़के से छोटी होनी चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)