कोरोना वायरस को हराने के लिए देश एक बार फिर लॉकडाउन में चला गया है. पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में ये ऐलान किया कि लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक किया जा रहा है. उन्होंने पहले की ही तरह इसे एक जरूरी कदम बताया. अन्य राज्य पहले ही पीएम मोदी को लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह दे चुके थे. लेकिन पीएम ने 3 मई के अलावा एक और तारीख का भी जिक्र किया. वो तारीख थी 20 अप्रैल, पीएम ने कहा कि 20 अप्रैल से हर जिले और कस्बे को परखा जाएगा. जिसके बाद वहां लोगों को कुछ छूट मिल सकती है.
पीएम ने संबोधन में ये संकेत दिए कि लॉकडाउन के बीच 20 अप्रैल से ऐसी जगहों को देखा जाएगा, जहां कोरोना पर कंट्रोल होगा. पीएम मोदी ने कहा,
“20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा कि वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है. जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पाट में नहीं होंगे और जिनके हॉटस्पाट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है.”
कैसे मिलेगी छूट?
अब अगर आपको ये लग रहा है कि आपके इलाके में एक भी केस नहीं मिलने पर छूट दी जाएगी, तो आप कुछ हद तक सही हैं. पीएम मोदी ने जैसे कहा कि जिलों, थानों और कस्बों को बारीकी से परखा जाएगा. देखा जाएगा कि लोग लॉकडाउन का कितना पालन कर रहे हैं. अगर लॉकडाउन का सही तरीके से पालन होता है तो आपके इलाके में नया केस आना भी संभव नहीं है. अब जो भी क्षेत्र ऐसा करने में कामयाब होगा, उसे इनाम के तौर पर बाकी जिलों या कस्बों के मुकाबले छूट दी जा सकती है.
एक गलती और छिन जाएगी आजादी
भले ही 20 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों या कुछ जिलों में लॉकडाउन के नियमो में बदलाव हों, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि यहां के लोगों को लापरवाही से इधर-उधर जाने की इजाजत होगी. इस छूट को बड़ी सावधानी के साथ लेना जरूरी होगा. मतलब जिस इलाके में छूट दी गई है, वहां एक भी लापरवाही का मामला सामने आता है तो तुरंत ये थोड़ी सी छूट भी छीन ली जाएगी. हालांकि पीएम ने ये नियम गरीबों और बेरोजगार लोगों को राहत देने के लिए दिया है. इसका मतलब अगर इलाके में सब ठीक रहता है तो छोटा मोटा काम कर अपना पेट पालने वाले लोगों को बाहर निकलने की इजाजत मिल सकती है.
इस लॉकडाउन में मिलने वाली छूट को कुछ ऐसे समझा जा सकता है-
देशभर में लॉकडाउन है. लेकिन कई जिले ऐसे हैं जहां पर कोरोना के काफी ज्यादा केस पाए गए हैं. ऐसे इलाकों को हॉटस्पॉट कहा जाता है. ऐसी सभी जगहों को या तो सील कर दिया गया है, या फिर कंटेनमेंट जोन में बदल दिया गया है. यानी जरूरी सामान के लिए भी घर से बाहर कदम नहीं रख सकते हैं. जबकि जो हॉटस्पॉट में शामिल नहीं हैं उन इलाकों में जरूरी सामान के लिए बाहर निकल सकते हैं.
ठीक इसी तरह देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच उन इलाकों को राहत मिलेगी, जहां कोरोना का एक भी केस नहीं पाया जाएगा. वहीं मामले सामने आने पर सख्ती और बढ़ा दी जाएगी.
हॉटस्पॉट्स को लेकर बरती होगी सावधानी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में हॉटस्पॉट्स का जिक्र करते हुए कहा कि इन पर हमें खास ध्यान देना होगा. पीएम ने कहा, ‘‘ 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अधिक संवेदनशील स्थानों (हॉटस्पॉट) को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, उन पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी. नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे लिए और चुनौती खड़ी करेगा."
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