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BCCI Vs लोढ़ा कमेटीः ठाकुर ने कहा- पैसा खत्म तो मैच खत्म

BCCI के अनुसार लोढ़ा कमेटी ने बैंको को पत्र लिखकर बीसीसीआई के अकाउंट फ्रीज करने का आदेश दिया है.

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लोढ़ा कमेटी और बीसीसीआई के बीच तनातनी चरम पर पहुंचती दिखाई दे रही है. ताजा विवाद बीसीसीआई के बैंक अकाउंट फ्रीज होने को लेकर हुआ है.

लोढ़ा पैनल की ओर से बैंकों को बीसीसीआई के अकाउंट फ्रीज करने के निर्देश के बाद बीसीसीआई चीफ अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान दिया है. ठाकुर ने कहा है, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीसीसीआई को स्टेट एसोसिएशन्स को पेमेंट जारी करने की इजाजत नहीं दी जा रही. जबकि स्टेट एसोसिएशन्स मैचों को कराने के लिए बीसीसीआई पर निर्भर हैं.”

ठाकुर ने कहा कि इस पर बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता कि सीरीज जारी रहेगी या नहीं, लेकिन अगर प्लेयर्स और एसोसिएशन्स को पेमेंट नहीं दिया जाएगा, तो इससे हालात गंभीर हो जाएंगे.

लोढ़ा पैनल के निशाने पर बीसीसीआई

लोढ़ा कमीशन द्वारा बैंकों को बीसीसीआई के अकाउंट फ्रीज करने के आदेश के बाद क्रिकेट बोर्ड भारत-न्यूजीलैंड सीरीज को रद्द कर सकता है.

बैंकों को यह आदेश उस आधार पर दिया गया है, जिसमें लोढ़ा कमेटी ने 30 सितंबर तक बीसीसीआई को फंड जारी करने के लिए एक नई पॉलिसी बनाने का सुझाव दिया था.

इस सीरीज में अभी भी एक टेस्ट और 5 वनडे मैच बाकी हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, एक उच्च अधिकारी ने बैंक अकाउंट फ्रीज होने के मामले पर गुस्‍से का इजहार करते हुए कहा,

बैंक अकाउंट सीज होने के बाद हमारे पास सीरीज रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. हम नहीं चाहते कि‍ भारत की दुनिया के सामने बेइज्जती हो. लेकिन हम कैसे काम कर सकते हैं, हम कैसे किसी खेल का आयोजन कर सकते हैं? इसका खर्च कौन उठाएगा? बैंक अकाउंट को फ्रीज करना कोई मजाक नहीं है. एक अंतरराष्ट्रीय टीम भारत में मौजूद है. यहां बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है.
टॉप बीसीसीआई अधिकारी

बोर्ड ने यह फैसला लोढ़ा कमीशन के उस पत्र के बाद लिखा है, जिसमें कमीशन ने बैंकों से बीसीसीआई को पैसा न देने की बात कही थी. पत्र में कहा गया था,

बीसीसीआई की वर्किंग कमेटी द्वारा 30 सितम्बर 2016 को की गई बैठक में कुछ संगठनों को बड़े पैमाने पर फंड जारी करने का फैसला लिया गया है. यह तथ्य सुप्रीम कोर्ट के सामने गुरुवार, 06.10.2016 को पेश किया जाएगा, इसलिए आप लोगों को आदेश दिया जाता है कि 31.08.2016 के बाद से की गई किसी भी तरह की ट्रांजेक्शन को आगे न बढ़ाया जाए. उल्लंघन करने वाले मामलों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा. आप लोग जानते ही होंगे कि बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन किया है. साथ ही बीसीसीआई ने कमेटी के सुझावों को मानने के लिए तय की गई समय सीमा का भी उल्लंघन किया है, जिसमें 30.09.2016 तक फंड जारी करने के लिए एक नयी पॉलिसी बनाने का सुझाव भी शामिल था.
बीसीसीआई द्वारा बैंको को लिखा गया पत्र

यह पत्र बीसीसीआई सेक्रेटरी अजय शिर्के, सीईओ राहुल जौहरी और अनिरुद्ध चौधरी के नाम भी भेजा गया था.

लोढ़ा कमेटी ने दी सफाई

जस्टिस लोढ़ा ने बीसीसीआई द्वारा सीरीज रद्द होने की बात पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि भारत-न्यूजीलैंड सीरीज रद्द होने का सवाल ही नहीं उठता, बीसीसीआई से रोजाना के मामलों के लिए फंड रोकने की सिफारिश कमेटी की तरफ से नहीं की गई थी.

उनके अनुसार उनके ई-मेल को ठीक से नहीं पढ़ा गया.

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