ADVERTISEMENTREMOVE AD

CAA विरोधी बोले-होर्डिंग लगा कर सरकार ने खतरे में डाली हमारी जान

सदफ जफर, दीपक कबीर और एस आर दारापुरी ने कहा कि वे सरकार के ऐसे कदमों से नहीं झुकेंगे

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम

लखनऊ में सीएए विरोधी आंदोलन में हिस्सा लेने वाले 50 लोगों की तस्वीरें और नाम-पते के होर्डिंग्स लगा कर यूपी सरकार घिर गई है. इन होर्डिंग्स में कवि दीपक कबीर, कांग्रेस सदस्य सदफ जफर और रिटायर्ड आईपीएस अफसर एस आर दारापुरी समेत 50 लोगों नाम और पते लिखे गए हैं. उन्हें सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भी भेजे गए हैं.

नोटिस में कहा गया है कि अगर उन्होंने नुकसान की भरपाई नहीं की तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. जिन लोगों के नाम होर्डिंग्स में हैं वे सभी बेल पर हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक होर्डिंग्स सीएम योगी आदित्यनाथ के कहने पर लगाए गए हैं. इसमें कहा गया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नुकसान की भरपाई के लिए कुछ लोगों को भेजे गए नोटिस पर स्टे लगा दिया है. इसमें कहा गया है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है इसलिए कानपुर के एक शख्स को जारी नोटिस पर स्टे लगा दिया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

द क्विंट से बात करते हुए एस आर दारापुरी, सदफ जफर और दीपक कबीर ने कहा कि इस तरह होर्डिंग्स लगाने से उनकी जान को खतरा है. होर्डिंग्स में इस तरह का किसी का नाम और पता लिखना गैरकानूनी है. पता लिख कर सरकार ने उनकी जान को खतरे में डाल दिया है. दारापुरी और सदफ जफर की गिरफ्तारी के बाद कथित तौर पर पिटाई की गई थी. 19 दिसंबर, 2019 में विरोध प्रदर्शनों के दौरान उनकी गिरफ्तारी हुई थी.

जफर ने कहा इस तरह के काम करके योगी सरकार ने यह दिखा दिया है कि वह किस तरह के लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं. दारापुरी कहते हैं कि इस तरह पते देने से हमारी जिंदगी खतरे में पड़ गई है. सबको पता है कि देश में कैसा माहौल है. छोटी-छोटी बातों पर मॉब लोगों पर हमले कर देती है.

गैरकानूनी कदम ?

दारापुरी और जफर का कहना है कि सरकार को इसका कोई अधिकार नहीं है. सीआरपीसी में ऐसा कोई सेक्शन नहीं है जिसमें कहा गया है कि जब मामला अदालत के विचाराधीन हो तो आप किसी की तस्वीर इस तरह लगा सकते हैं. यहां तक कि व्यक्ति दोषी भी सिद्ध हो जाए, तो भी आप इस तरह सार्वजनिक तौर पर फोटो नहीं लगा सकते.

दारापुरी ने कहा

यह पूरी तरह गैरकानूनी कदम है. ऐसा कोई कानून नहीं है जो पुलिस या जिला प्रशासन को इस तरह होर्डिंग्स लगाने की इजाजत देता है. यह प्रशासनिक ताकत का दुरुपयोग है.

दीपक कबीर ने कहा कि नुकसान की भरपाई का नोटिस उस वक्त भेजा गया जब सारे लोग जेल में थे. लेकिन वह अपना पक्ष तभी रख सकते थे जब उन्हें जमानत मिलती. उन्होंने अपना बचाव करने के लिए जेल से बाहर जाने की इजाजत मांगी लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.

झुकने को तैयार नहीं

होर्डिंग्स लगने और सार्वजनिक संपत्ति के कथित नुकसान की भरपाई के लिए भेजे गए नोटिस के बावजूद कबीर, जफर और दारापुरी झुकने को तैयार नहीं हैं. दीपक कबीर ने कहा कि डराने और बार-बार परेशान करने की यह राजनीति उन्हें झुका नहीं पाएगी. प्रशासन उन्हें जेल में डाल सकता है. फांसी दे सकता है लेकिन वे गलत के खिलाफ लड़ते रहेंगे. दारापुरी ने होम सेक्रेट्री, पुलिस कमिश्नर और डीएम को चिट्ठी लिख कर कहा है कि सरकार का यह कदम गैरकानूनी है और इससे उनकी जान को खतरा पैदा हुआ है. जफर ने कहा कि वे यूपी सरकार के इस कदम के खिलाफ कोर्ट जाएंगीं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×