वैसे तो खुले में शौच जाने वालों के खिलाफ हैरान करने वाली कार्रवाई के मामले कई राज्यों में सामने आ चुके हैं. लेकिन ये मध्य प्रदेश तो सचमुच अजब है.
एमपी में खुले में शौच को रोकने के लिए तरह-तरह की सजा दी जा रही है. कहीं टीचर सस्पेंड हो रहे हैं, तो कहीं पत्नी के खुले में शौच जाने की सजा पति को मिल रही है. नया मामला बैतूल जिले का है, जहां ग्राम पंचायत ने खुले में शौच जाने वाले एक परिवार पर 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बैतूल जिले के आमला विकास प्रखंड के तहत आने वाली ग्राम पंचायत रंभाखेड़ी में कुंवरलाल साहू के परिवार में 10 लोग हैं. यह परिवार खुले में शौच करता था. पंचायत ने कई बार हिदायत दी गई, इसके बावजूद जब उन्होंने खुले में शौच जाना बंद नहीं किया, तो पंचायत की सरपंच रामरती बाई और रोजगार सहायक कुंवरलाल ने इस परिवार पर हर शख्स के 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जोड़कर एक महीने का 75 हजार रुपये जुर्माना का नोटिस दे दिया.
हिदायत की अनदेखी करने पर जुर्माना
सरपंच ने सोमवार को मीडिया को बताया कि बार-बार हिदायत देने के बावजूद खुले में शौच जाना बंद नहीं करने वालों पर पंचायत ने जुर्माना लगाकर नोटिस देने की कार्रवाई की है.
रोजगार सहायक के मुताबिक, एक महीना पहले हिदायत दी गई, जिसे लोगों ने नहीं माना. इसके बाद एक परिवार पर 75 हजार रुपये और अन्य 43 ग्रामीणों पर भी अलग-अलग जुर्माना किया गया है. उन्हें नोटिस दे दिए गए हैं.
इससे पहले अशोकनगर जिले में एक टीचर को खुले में शौच जाने पर सस्पेंड किया गया था. दूसरा टीचर इसलिए सस्पेंड हुआ, क्योंकि उसकी पत्नी खुले में शौच गई थी.
(इनपुट IANS से)
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