मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस की फायरिंग से 5 किसानों की मौत के बाद हालात और बिगड़ गए हैं. हड़ताल कर रहे किसानों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, साथ ही फायरिंग में मारे गए युवक के शव से साथ सड़क जाम कर दिया है.
स्थिति को संभालने के लिए केंद्र सरकार 5 अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्स की बटालियन को मध्य प्रदेश भेज रही है और 5 पहले से ही तैनात हैं.
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- 05/07देवास में हिंसा (फोटो: ANI)
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मध्य प्रदेश प्रशासन के मुताबिक उज्जैन, देवास, मंदसौर, नीमच और सिहोर से हिंसा की खबरें मिल रही हैं. वहीं मंदसौर, पिपिलिया मंडी में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
पुलिस ने माना- किसानों पर फायरिंग की गई
इस बीच आईजी लॉ एंड ऑर्डर मकरंद देवसकर ने माना है कि मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस ने फायरिंग की थी.
जिन परिस्थितियों में फायरिंग की गई उसे बता पाना मुश्किल है.मकरंद देवसकर, आईजी लॉ एंड ऑर्डर
प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच जब डीएम स्वतंत्र कुमार सिंह और एसपी ओपी त्रिपाठी पहुंचे, तो किसानों ने उनका घेराव किया. धक्का-मुक्की के बची प्रदर्शनकारियों ने डीएम को दौड़ा दिया और उनके कपड़े फाड़ दिए.
स्थिति बिगड़ने पर भारी पुलिस बल को बुलाया गया, तब कहीं जाकर दोनों अधिकारी सुरक्षित निकल पाए.
कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
मंदसौर की हिंसा में विपक्ष बीजेपी पर जमकर हमला कर रहा है. कांग्रेस ने बीजेपी को भारतीय किसानों की मृत्यु का अभिशाप बताया. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि किसान कर्ज माफी और फसलों के अच्छे दाम की मांग कर रहे हैं लेकिन बीजेपी इसके बदले उनकी जान ले रही है. उन्होंने कहा यह और भी दुखद है कि मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों पर ओपन फायर की इजाजत दी और अपनी बात से मुकर गए.
किसानों ने थाने पर धावा बोल
किसानों ने बुधवार को देवास में हाट पिपलिया थाने पर धावा बोल दिया और वहां खड़े जब्ती के वाहनों को आग लगा दी. किसानों ने भोपाल-इंदौर के बीच चलने वाली दो बसों समेत 10 से ज्यादा गाड़ियों को भीआग के हवाले कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, किसान जुलूस के रूप में हाट पिपलिया थाने पहुंचे, जहां उन्होंने उपद्रव मचाया और परिसर में रखे जब्ती के वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद आंदोलनकारी किसान नेवली फाटा की ओर बढ़े, जहां उन्होंने वाहनों में तोड़फोड़ की.
पुलिस ने कहा कि इस दौरान किसानों ने वहां से गुजर रही दो यात्री बसों को रोककर उनमें आग लगा दी. लेकिन इस घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ है.
राहुल को नहीं मिली मंदसौर जाने की इजाजत
इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मरने वाले किसानों के परिवार से मिलने के लिए मंदसौर जाने की खबर आ रही है. हालांकि प्रशासन ने राहुल को मंदसौर जाने की इजाजत नहीं दी है.
कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी मोहन प्रकाश ने कहा पुलिस ने राहुल गांधी के मंदसौर जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी है. लेकिन फिर भी राहुल गांधी किसी भी वक्त मंदसौर पहुंचेंगे.
कुछ लोगों ने खबर चलाई कि राहुल गांधी किसानों के धरने में शामिल होने के लिए मंदसौर आ रहे हैं, जो कि बिलकुल गलत है. राहुल यहां मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए आएंगे, ना कि धरने में.मोहन प्रकाश, कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी
जेडीयू नेता शरद यादव भी जा सकते हैं राहुल गांधी के साथ
जेडीयू नेता शरद यादव ने मंदसौर में किसानों पर हुए पुलिसिया फायरिंग की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “देश में किसानों पर ऐसा अत्याचार कभी नहीं हुआ, लोग बता रहे हैं कि पुलिस की फायरिंग से 5-6 लोग मरे हैं, लेकिन लगता है कि मरने वालों की संख्या और ज्यादा है.”
धरना दे रहे किसानों की मांग है कि पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए. साथ ही किसानों ने यह भी मांग रखी है कि मौके पर खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान आएं.
मंगलवार को हालात बेकाबू होता देख पुलिस ने मंदसौर में कर्फ्यू लगा दिया था. कर्फ्यू बुधवार को भी जारी है.
CM शिवराज ने मरने वाले किसानों का बढ़ाया मुआवजा
वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस की गोलीबारी में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. उन्होंने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को योग्यता के मुताबिक सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया.
कांग्रेस का आरोप- लाशों पर बोली लगा रही है बीजेपी सरकार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि शिवराज सरकार लाशों पर बोली लगा रही है, शर्म की बात है. कभी 5 लाख मुआवजा कभी 10 लाख तो कभी एक करोड़ की बात कर रही है सरकार.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने काला दिन करार दिया
कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों पर पुलिस की बर्बरता को काला दिन करार देते हुए कहा कि सत्ता के नशे में चूर सरकार किसानों के अधिकार की लड़ाई को कुचलना चाहती है.
सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, 'मध्य प्रदेश के इतिहास में आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ. हमारे अन्नदाताओं पर गोली चलाना दुखदायी और दिल को दहलाने वाला है. प्रदेश के लिए ये एक काला दिन है.'
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