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मध्य प्रदेश: गवर्नर ने स्पीकर को खत लिखा, पद छोड़ने का सुझाव दिया

राज्यपाल लालजी टंडन का स्पीकर को एक खत खबरों में आ गया है

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मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट जारी है. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च को राजभवन में सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं. राज्य की राजनीतिक उथल-पुथल में इन दोनों नेताओं के अलावा राज्यपाल और स्पीकर की भी भूमिका अहम रही है. अब राज्यपाल लालजी टंडन का स्पीकर को एक खत खबरों में आ गया है. इसमें टंडन ने स्पीकर एनपी प्रजापति से कथित रूप से पद छोड़ने का सुझाव दिया है.

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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, राज्यपाल लालजी टंडन ने खत लिखकर स्पीकर प्रजापति को सुझाव दिया है कि वो पद छोड़ दें और स्पीकर को चुनने वाली पार्टी के सत्ता से बाहर होने पर इस्तीफा देने की परंपरा का सम्मान करें.

खबर के मुताबिक राज्यपाल टंडन ने बीजेपी की शिकायत पर ये कदम उठाया है. बीजेपी के स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा, "जब तक सदन में प्रस्ताव का फैसला नहीं होता, मैं उम्मीद करता हूं कि आप संविधान, सदन के नियम और नैतिकता के मुताबिक काम करेंगे."

विवाद की जड़ क्या है?

मध्य प्रदेश में राज्यपाल और स्पीकर के बीच इस विवाद की जड़ बीजेपी विधायक शरद कोल के 6 मार्च को भेजे गए इस्तीफे को लेकर है. कोल का दावा है कि उन्होंने 16 मार्च को स्पीकर को एक और खत भेज कर इस्तीफा मंजूर न करने को कहा था. वहीं, स्पीकर प्रजापति का कहना है कि उन्होंने इस्तीफा मंजूर कर लिया है क्योंकि उन्हें कोई खत नहीं मिला और विधायक ने भी मुलाकात नहीं की.

बीजेपी ने राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की थी. पार्टी का कहना है कि मौजूदा समय में सदन का नेता नहीं है और सदन भी सत्र में नहीं है, तो स्पीकर को नीति से जुड़े फैसले नहीं लेने चाहिए. बीजेपी ने स्पीकर पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया था. पार्टी ने प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करने की मांग उठाई है.

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