महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी(Bhagat Singh Koshyari) के बयान के बाद अब सियासत गरमाने लगी है. देवेंद्र फणनवीस और एकनाथ शिंदे के बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने भगत सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उद्धव ठाकरे ने कहा है कि पिछले दो-तीन साल में उनके जो बयान आए हैं, वो देखकर लगता है कि महाराष्ट्र के नसीब में ऐसे ही लोग क्यों आते हैं. भगत सिंह ने अपने बयान में मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी बनाने में गुजराती और राजस्थानियों की अहम भूमिका बताई थी.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा बतौर सीएम जब कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, तब लोग मर रहे थे और मैं उस पर काम कर रहा था, तब इन्हें मंदिर खोलने की जल्दबाजी थी. इसके बाद में सावित्रीवाई फूले का अपमान किया और अब मराठी लोगों का अपमान. उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि इन्होंने हिंदुओं में फूट डालने और उन्हें आपस में लड़ाने का काम किया है.
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने कहा, मराठी लोगों का महाराष्ट्र के विकास में अहम योगदान है. उन्होंने आगे कहा कि मराठी लोगों का महाराष्ट्र के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में वैश्विक प्रगति की है. हम राज्यपाल की इस बयान से असहमत हैं.
CM शिंदे ने दी प्रतिक्रिया
सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र की राजधानी बनाने में 105 लोगों के बलिदान को भूला नहीं जा सकता है और शिवसेना के दिवंगत सस्थापक बाल ठाकरे ने शहर की मराठी पहचान को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हम राज्यपाल कोश्यारी के बयान से असहमत हैं. ये उनका निजी विचार है. मुंबई एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं.
भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा था?
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान में कहा था, अगर मुंबई में गुजराती और राजस्थानी लोग नहीं रहेंगे, तो यहां पैसा नहीं बचेगा. यह देश की आर्थिक राजधानी नहीं रहेगा. इस बयान के बाद कोश्यारी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका मराठी लोगों की मेहनत को कम नहीं आंका.
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