महाराष्ट्र के जलगांव जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है. यहां कुछ पुलिसकर्मियों ने महिला हॉस्टल में लड़कियों से कपड़े उतरवाकर स्ट्रिप डांस करवाया, जिसका वीडियो वायरल हो गया. वीडियो सामने आने के बाद इस घटना को लेकर जमकर हंगामा हुआ और विधानसभा में भी इसे उठाया गया. जिसके बाद सरकार ने कहा कि 4 सदस्यीय कमेटी मामले की जांच करेगी.
इस मामले को विपक्षी दल बीजेपी ने विधानसभा में उठाया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
विपक्ष ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मामले को लेकर जवाब दिया. लेकिन विपक्ष गृहमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और सरकार पर मामले को गंभीरता से न लेते हुए राज्य में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया. साथ ही बीजेपी के विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. इस बात से तिलमिला उठे एनसीपी विधायक नवाब मालिक ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को धमकी बताया. लेकिन विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मांग का समर्थन करते हुए स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था संभालने में विफल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करना हमारा अधिकार है.
जबरन हॉस्टल में घुसे पुलिसकर्मी
बता दें कि जलगांव जिले के गणेश कॉलोनी इलाके में आशादीप महिला हॉस्टल चलाया जाता है. ये हॉस्टल निराश्रित महिलाओं और लड़कियों को आश्रय और भोजन प्रदान करता है. 1 मार्च 2021 को कुछ पुलिसकर्मी और हॉस्टल के बाहर से आए कुछ लोग हॉस्टल में पूछताछ करने के बहाने से जबरन घुस गए. उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्टल में गलत काम हो रहे हैं.
उनमें से कुछ पुलिसकर्मियों ने हॉस्टल की लड़कियों को खड़ा कर कपड़े उतारने को कहा. इतना ही नहीं उनसे निर्वस्त्र अवस्था में डांस करवाया और वीडियो भी रिकॉर्ड किया. कुछ लड़कियों के मना करने पर उन्हें मारने-पीटने की धमकी दी गई.
लड़कियों ने हॉस्टल की खिड़की से मांगी मदद
इस पूरी घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय सामाजिक संगठन जननायक फाउंडेशन के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे. लेकिन उन्हें हॉस्टल के अंदर आने से मना कर दिया गया. तब लड़कियों ने हॉस्टल की खिड़की से चीख पुकार कर मदद मांगी. जिसके बाद संगठन के कार्यकर्ता फिरोज पिंजारी, मंगला सोनवणे, प्रतिभा भालेराव, साहेब पठान, वर्षा लोहार और फारूक कादरी ने जलगांव जिले के कलेक्टर अभिजीत राउत को मामले की शिकायत की. कलेक्टर ने मामले की जांच का आश्वासन दिया.
लेकिन इस चौंकाने वाली घटना का वीडियो इतना वायरल हो या कि अब पूरे महाराष्ट्र में इसे लेकर गुस्सा है. बजट सत्र में विपक्ष के हंगामे के बाद आखिरकार गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सदन में चार सदस्यीय समिति की घोषणा करते हुए दो दिनों में इस मामले की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
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