पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर से छेड़छाड़ (मॉर्फ) करने के आरोप में बीजेपी युवा मोर्चा की सदस्य प्रियंका शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट ने पहले जमानत के लिए माफी की शर्त रखी, लेकिन फिर बिना माफी ही उन्हें जमानत दे दी.
कोर्ट में इस मामले पर बड़ा दिलचस्प वाकया हुआ. कोर्ट ने जब जमानत के लिए प्रियंका की माफी को जरूरी बताया तो उनके वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि ये बोलने की आजादी के खिलाफ है. तब कोर्ट ने कहा कि ठीक है अभी जमानत दे दी जाए लेकिन माफी मांगनी चाहिए या नहीं, इसपर सुनवाई बाद में होगी. जब वकील कोर्ट से चले गए तो कोर्ट ने अपना मत बदला और उन्हें फिर से बुलाया. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि हमारी सलाह है कि प्रियंका माफी मांगें लेकिन हम जमानत के लिए इसे शर्त के तौर पर नहीं रख रहे
क्या है मामला?
भारतीय जनता युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा ने फेसबुक पर एक ऐसी फोटो कथित रूप से पोस्ट की थी, जिसमें न्यूयॉर्क में ‘मेट गाला’ इवेंट में शिरकत करने पहुंचीं अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की तस्वीर में फोटोशॉप के जरिए ममता बनर्जी का चेहरा लगाकर मीम बनाया गया था.
प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी और सोशल मीडिया के अन्य यूजर ने इसका जोरदार विरोध किया है. सोशल मीडिया पर बहुत से लोग ममता बनर्जी सरकार को घेर रहे हैं. ये प्रियंका के खिलाफ कार्रवाई को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला मान रहे हैं. प्रियंका की गिरफ्तारी का विरोध करने वाले लोग #ISupportPriyankaSharma के साथ ट्वीट कर रहे हैं.
हड़ताल की वजह से मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
सोमवार को जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने BJYM की नेता प्रियंका शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील एन के कौल की इस दलील पर गौर किया कि जेल में बंद प्रियंका की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई की जरूरत है.
एनके कौल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय अदालतों में 14 मई तक पूर्ण हड़ताल होने की वजह से ही प्रियंका को अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. उन्होंने तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल के कारण 25 अप्रैल से कानूनी कामकाज रुका हुआ है और उनके पास सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था. इसके बाद बेंच इस मामले की मंगलवार को सुनवाई के लिये तैयार हो गयी.
प्रियंका शर्मा को तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) और आईटी कानून के तहत 10 मई को गिरफ्तार किया था. हावड़ा की स्थानीय अदालत ने 11 मई को प्रियंका को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में ही हैं.
इस बीच प्रियंका शर्मा की मां राज कुमारी शर्मा ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, “मैं बता नहीं सकती कि मैं कितनी खुश हूं. मुझे अपनी बेटी के लौटने का इंतजार है.”
इससे पहले सुनावई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले में प्रियंका माफी मांग लें तो उन्हें जमानत मिल सकती है. प्रियंका के वकील ने इस पर सहमति जताई.
सुबह प्रियंका शर्मा की मां राज कुमारी शर्मा ने एक बयान में कहा था कि उनकी बेटी को बेबुनियाद फंसाया गया है.
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