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'मणिपुर लौटने में डर लग रहा': यौन हिंसा के वीडियो पर क्या कह रहीं कुकी महिलाएं?

Manipur violence: मणिपुर के 1,100 से अधिक कुकी वर्तमान में असम के कछार जिले के कई शेल्टर कैंप में रह रहे हैं.

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Manipur violence: 42 वर्षीय कुकी महिला हतनू सिंगसन ने 4 मई को मणिपुर के जिरीबाम जिले में अपना घर छोड़ दिया और 20, 17 और 13 साल की अपनी तीन बेटियों के साथ असम के कछार जिले में शरण ली.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें मैतेई भीड़ कम से कम दो कुकी महिलाओं का यौन उत्पीड़न करती और उन्हें नग्न घुमाती दिख रही है. इस वीडियो के सामने आने के बाद हतनु अपने गृह राज्य मणिपुर लौटने में सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं.

हतनू ने कहा, “मैंने फेसबुक पर एक वीडियो देखा है जिसमें दो महिलाओं को नग्न किया गया था. यह किसी भी लड़की के लिए बेहद शर्मनाक है. हम डरे हुए हैं.''

"अगर आपकी मां-बहनों के साथ भी ऐसा होता तो क्या आप चुप रहते? हमारे दिल में आग जल रहा है. क्या ऐसा करने का नियम है, चाहे आप किसी भी जाति से हों? कोई भी किसी को किसी महिला के साथ ऐसा करने का अधिकार नहीं देता."
लिंगबोई, असम शेल्टर में रह रहीं कुकी महिला

गौरतलब है कि मणिपुर के 1,100 से अधिक कुकी वर्तमान में असम के कछार जिले के कई शेल्टर कैंप में रह रहे हैं. उनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं. मणिपुर के हालिया वीडियो देखने के बाद महिलाओं ने कहा कि वे अब पहले से कहीं ज्यादा डरी हुई हैं.

उनमें से कई ने कहा कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में बलात्कार के डर से उन्हें मई में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, और वापस लौटने की कोई उम्मीद नहीं है.

कैंप में अपने बच्चों के साथ रह रहीं लिंगबोई ने कहा, “हम असहाय हैं, हम कुछ नहीं कर सकें. ये कैसी सरकार है? यह विफल हो गयी है और उसने हमसे झूठ बोला है. भारतीय लोकतंत्र, संविधान ने हमें विफल कर दिया है.''

20 वर्षीय कॉलेज छात्रा सबरीना सिंगसन ने कहा कि वह चाहती है कि मणिपुर में शांति बनी रहे.

लिंगबोई इस कैंप में महिलाओं का नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने आपस में कामों को बांट लिया है. उन्होंने कहा, "हमने काम बांट दिया है और हम एक कॉमन एरिया में खाना पकाते हैं और महिलाओं की अलग-अलग टीमें अलग-अलग शिफ्ट में यह काम करती हैं."

“पहले, सभी समुदायों के लोग शांति और सद्भाव से रहते थे. लेकिन अब, मणिपुर में सब कुछ बदल गया है, ”लिंगबोई ने कहा.

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