अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का रिसर्च स्काॅलर मन्नान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है. इस संगठन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने इस बात की पुष्टि की है.
श्रीनगर की एक न्यूज एजेंसी को दिए गए बयान में सलाहुद्दीन ने कहा, ''मन्नान वानी का शामिल होना ये बताता है कि कश्मीरी युवा बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण आतंकवादी संगठन में शामिल होते हैं.''
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोबाब इलाके का रहने वाला मन्नान वानी पिछले हफ्ते लापता हो गया था. उसे 6 जनवरी को दिल्ली से घर लौटना था. सोशल मीडिया पर एके-47 राइफल के साथ उसकी तस्वीर सामने आने के बाद खबरें आ रही थीं कि शायद वो आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया है. लेकिन अब इसकी पुष्टि हो चुकी है.
जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुनीर खान ने कहा कि सभी बातों की जांच की जा रही है.
वहीं अलीगढ़ पुलिस की जांच से पता चला है कि मन्नान वानी ने जनवरी 2017 में हॉस्टल में हिज्बुल का 'कैलेंडर' बांटा था. इसके बाद एएमयू ने 26 साल के इस रिसर्च स्कॉलर को निष्कासित कर दिया था.
उर्दू में दिए गए बयान में हिज्बुल सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने वानी के इस संगठन में शामिल होने की पुष्टि करते हुए कहा, ''कई सालों से शिक्षित और योग्य कश्मीरी युवा हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो रहे हैं, ताकि इस आजादी के आंदोलन को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके. युवाओं का ये जज्बा काबिल-ए-तारीफ है.''
पुलिस ने सोमवार को मन्नान वानी के आतंकवादी संगठन में शामिल होने की खबरों को खारिज करने या पुष्टि करने से इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि वो सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों की जांच कर रही है.
दूसरी ओर यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया था कि वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी डिपार्टमेंट में रिसर्च स्कॉलर है. उसने 2 जनवरी को आखिरी बार क्लास अटेंड की थी.
(इनपुट भाषा से)
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