अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई लोगों को पटाखे फोड़ने और भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट करने पर हिरासत में लिया गया. फैसले से पहले, सरकार ने लोगों से निवेदन किया था कि फैसले को किसी की हार-जीत से जोड़कर नहीं देखा जाए और इसपर कोई जश्न नहीं मनाया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को देश के सबसे बड़े मामले पर अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि हिंदुओं को देने का फैसला दिया. वहीं, कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में किसी अहम जगह पर 5 एकड़ जमीन देने को कहा है.
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, भड़काऊ पोस्ट और जश्न मनाने के आरोप में उत्तर प्रदेश में करीब 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया, वहीं 12 मामले दर्ज किए गए.
यूपी की राजधानी लखनऊ में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया.
वहीं, यूपी के एक अन्य हिस्से में 7 लोगों को जश्न मनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. ये लोग मिठाई बांटकर और पटाखे फोड़कर फैसले का जश्न मना रहे थे.
फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में कड़ी सुरक्षा
अयोध्या पर 'सुप्रीम' फैसले से पहले, उत्तर प्रदेश में भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए थे. यूपी में अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियों (प्रत्येक में लगभग 100 कर्मी) को भी उतारा गया था. उत्तर प्रदेश में फैसले के मद्देनजर, सभी स्कूलों और कॉलेजों को 11 नवंबर तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है.
इसके अलावा, देश के कई संवेदनशील जगहों पर धारा 144 लगा दी गई थी और सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई गई थी.
सोशल मीडिया पर पैनी नजर
उत्तर प्रदेश पुलिस को कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट देखते ही सख्ती बरतने को कहा गया है. 10 हजार से ज्यादा WhatsApp ग्रुपों पर नजर रखी जा रही है. यूपी पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट से भी लोगों से निवेदन किया था कि किसी भी तरह की भड़काऊ टिप्प्णी न करें.
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