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महाशय धर्मपाल: 5वीं तक पढ़ाई,तांगा चलाया,फिर बने मसालों के बादशाह

21 करोड़ सैलरी और खुद ही अपनी कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर थे महाशय धर्मपाल

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भारत
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1947 में देश के बंटवारे के बाद 25 साल का एक लड़का अपने परिवार के साथ अपना सब कुछ छोड़कर पाकिस्तान से भारत आ जाता है. 27 सितंबर 1947 को जब दिल्ली पहुंचता है तब रोजगार की तलाश और परिवार चलाने के लिए पैसे कमाना सबसे बड़ी चुनौती थी. तब उस लड़के की जेब में 1500 रुपये ही बचे थे. इस पैसे में से उन्होंने 650 रुपये में एक तांगा खरीदा और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड और करोलबाग से कुछ दिनों के लिए सवारी लेनी शुरू कर दी.

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लेकिन किस्मत को ये मंजूर नहीं था. देखते-देखते पूरा देश उस लड़के को किंग ऑफ मसाला कहने लगा. जी हां, ये कहानी है मसाला कंपनी महाशय दी हट्टी (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल जी की.

21 करोड़ सैलरी और खुद ही अपनी कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर थे महाशय धर्मपाल

महाशय धर्मपाल का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है. पिछले साल ही उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण सम्मान से नवाजा था.

21 करोड़ सैलरी और खुद ही अपनी कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर थे महाशय धर्मपाल
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मभूषण सम्मान लेते हुए महाशय धर्मपाल
(फोटो: rashtrapatibhvn)

कौन थे महाशय धर्मपाल?

मसाला किंग धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. धर्मपाल गुलाटी के बारे में कहा जाता है कि वो पौनी पांच क्लास तक पढ़ें हैं. मतलब पांचवीं क्लास का इम्तेहान बिना दिए ही उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा. 1947 में देश के बंटवारे के बाद उनके पिता महाशय चुन्नी लाल गुलाटी अपने परिवार के साथ भारत आ गए थे.

जिसके बाद दिल्ली में कमाने की जद्दोजहद शुरू हुई. तांगा खरीदा, चलाया लेकिन मसाले का खानदानी बिजनेस भारत में भी जमाने की ख्वाहिश ने तांगा छोड़ने का रास्ता दिखाया.

भारत आकर महशय धर्मपाल ने दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली. फिर वक्त के साथ-साथ कारोबार बढ़ता गया, 1959 में उन्होंने एमडीएच मसाला फैक्ट्री, जिसे ‘महाशियां दी हट्टी’ भी कहा जाता है, की स्थापना की. धर्मपाल ने मिर्च मसालों का जो ब्रांड खड़ा किया, उसकी नींव एक छोटे से खोखे पर रखी गई थी. सियालकोट की देगी मिर्च वाले का कारोबार दिल्ली में तेजी से फैलता चला गया. कुछ दिन बाद बाद महाशियां दी हट्टी करोलबाग में मसालों की एक मशहूर दुकान बन चुकी थी. 
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21 करोड़ सैलरी और खुद ही अपनी कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर

2 अन्नस में सवारी उठाने वाले महाशय धर्मपाल की मेहनत और किस्मत ने ऐसा खेल खेला कि 2020 में उनकी सालाना सैलरी 21 करोड़ रुपए हो गई. यही नहीं अब 20 स्कूल, एक हॉस्पिटल और देश की सबसे बड़ी मसाला कंपनी भी खड़ी कर डाली. महाशय धर्मपाल गुलाटी का बिजनेस एंपायर करीब 2000 करोड़ रुपये का हो चुका है. सिर्फ पांचवीं तक पढ़े धर्मपाल गुलाटी एमडीएच के सीईओ के तौर पर सालाना 21 करोड़ रुपये सैलरी पाते थे, जो बाकी एफएमजीसी कंपनियों के सीईओ से ज्यादा थी.

कई बार मौत की झूठी खबरें भी चलीं

महाशय धर्मपाल पिठले कई सालों से ही अपने मसाले एमडीएच के ब्रांड एम्बेसडर हैं. चाहे टीवी पर मसालने का प्रचार हो या अखबार के पन्नों पर उनकी फोटो. लेकिन आए दिन उनकी मौत को लेकर खबरें उड़ती थी. ऐसी ही खबर 2018 में भी उड़ी थी, लेकिन उस वक्त भी उनके चाहने वालों ने उनकी वीडियो शेयर कर उनके जिंदा होने का सबूत दिया था, लेकिन अब आखिरकार उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

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