जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 35A से छेड़छाड़ न करने की चेतावनी दी है. महबूबा ने इस मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आग से मत खेलो. आर्टिकल-35A के साथ छेड़छाड़ न करें, अन्यथा आप वो देखेंगे जो आपने 1947 से अब तक नहीं देखा है.’
इससे पहले पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए से किसी तरह की छेड़छाड़ की गई तो राज्य को भारत का अंग बनाने वाला दस्तावेज अमान्य हो जाएगा.
महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा-
‘आग से मत खेलो. आर्टिकल-35A के साथ छेड़छाड़ न करें, अन्यथा आप वो देखेंगे जो आपने 1947 से अब तक नहीं देखा. अगर उस पर हमला होता है तो मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगे की जगह कौन से झंडे उठाने को मजबूर होंगे.’
‘35-A से छेड़छाड़ से जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग बनाने वाली संधि अमान्य हो जाएगी’
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर और भारतीय संघ के बीच संवैधानिक संपर्क है. ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ (जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग बनाने वाला दस्तावेज) अनुच्छेद 370 पर निर्भर करता है, जो अनुच्छेद 35-ए से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है. इसमें किसी छेड़छाड़ से ‘ट्रीटी ऑफ एक्सेशन’ (जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग बनाने के लिए की गई संधि) अमान्य हो जाएगी.’’
महबूबा ने कहा, ‘‘कोई भी फैसला करने से पहले भारत सरकार को इस बात पर निश्चित तौर पर विचार करना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य है जिसने विभाजन के दौरान पाकिस्तान की बजाय धर्मनिरपेक्ष भारत के साथ जाने का रास्ता चुना.’’
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने आगाह किया कि अगर विशेष प्रावधान को रद्द किया जाता है तो घटनाओं के लिए कश्मीरियों को जिम्मेदार नहीं करार देना चाहिए.
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