ADVERTISEMENTREMOVE AD

मर्सल विवाद: BJP का ‘फरमान’ जिसने फिल्म को किया करोड़ों का फायदा

मर्सल के मालिकों ने जमीन गिरवी रखवाकर बनाई थी फिल्म लेकिन बीजेपी के ‘फरमान’ बाद अब करोड़ों में खेल रहे हैं

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

फिल्म मर्सल की जो शुरुआती समीक्षाएं आईं, उनमें कहा गया कि इसमें कई पुरानी तमिल फिल्मों के सीन कॉपी किए गए हैं. इसे दिवाली पर आने वाली एक औसत फिल्म बताया गया, जो सिर्फ एक्टर विजय के प्रशंसकों को पसंद आती. मर्सल को श्री थेनन्डल फिल्म ने प्रोड्यूस किया है. खबर थी कि इसके मालिकों को जमीन गिरवी रखकर अतिरिक्त 30 करोड़ रुपये का इंतजाम करना पड़ा क्योंकि फिल्म ओवरबजट हो गई थी. मर्सल 145 करोड़ रुपये में बनी है. प्रोड्यूसर्स के मन में यह डर भी होगा कि क्या वे लागत वसूल पाएंगे?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

GST से जुड़े सीन पर विवाद

मर्सल को इन हालात में एक अनचाहे दोस्त से मदद मिली. बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी एच राजा ने ऑनलाइन फिल्म का एक सीन देखा, जिसमें वेत्री नाम का किरदार सिंगापुर और भारत के जीएसटी की तुलना करता है और देश के अस्पतालों की बदहाली का जिक्र करता है. मर्सल में विजय ने तीन किरदार निभाए हैं, जिनमें से एक वेत्री है.

राजा ने जीएसटी वाले सीन को फिल्म से हटाने की मांग की. कुछ ही घंटों में यह सीन वायरल हो गया. इस विवाद का असर यह हुआ कि रिलीज के बाद से मर्सल 150 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट किया कि कुछ इंटरनेशनल मार्केट्स में मर्सल की कमाई आमिर खान की सीक्रेट सुपरस्टार और अजय देवगन की गोलमाल अगेन की संयुक्त आमदनी से अधिक रही है.

बीजेपी की सेंसरशिप

राजा ने फिल्म पर एक तरह की अनऑफिशियल सेंसरशिप लगाने की कोशिश की. तमिलनाडु में बीजेपी को 3 पर्सेंट से भी कम वोट मिले थे. लोगों को क्या देखना चाहिए या क्या नहीं, इस पर पार्टी का यह रवैया लोगों को पसंद नहीं आया. एक्टर कमल हासन ने इस मामले में सही सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जिस फिल्म को सेंसर बोर्ड पास कर चुका है क्या उसमें किसी तरह का दखल देना सही है? साउथ इंडियन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ने भी यही बात कही. वहीं, रजनीकांत ने एक ‘महत्वपूर्ण मुद्दे’ को उठाने के लिए टीम मर्सल की तारीफ की.

ध्रुवीकरण की कोशिश

दिवाली वीकेंड राजा और उनकी पार्टी के लिए बहुत खराब रहा. राजा ने ना सिर्फ जीएसटी वाले सीन को फिल्म से हटाने की मांग की बल्कि उन्होंने इसे लेकर विजय की नीयत पर भी सवाल उठाए. उन्होंने विजय का जिक्र उनके असली नाम ‘जोसेफ विजय’ से किया. राजा ने कहा कि वह पता लगा रहे हैं कि कहीं फिल्म के निर्माता भी तो ईसाई नहीं हैं. राजा ने विजय का वोटर आईडी कार्ड भी ढूंढ निकाला, जिस पर उनका नाम प्रिंटेड था. राजा यह कह रहे थे कि विजय ईसाई हैं, इसलिए वह बीजेपी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.

ध्रुवीकरण बीजेपी की पुरानी चाल रही है. हिंदी पट्टी में वह धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करती आई है, जिसका उसे राजनीतिक फायदा भी मिला है. बीजेपी अब इसे तमिलनाडु और केरल में दोहराने की कोशिश कर रही है. हालांकि, मर्सल मामले से बीजेपी की ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ी है. अगर उसने तथ्यों के आधार पर सीन का विरोध किया होता तो उसकी बात लोग सुनते. बीजेपी को बताना चाहिए था कि जीएसटी वाले डायलॉग तथ्यों के हिसाब से गलत हैं. इस मामले को धार्मिक रंग देना गलत था.

बीजेपी को किस चीज से डर लग रहा है?

लोगों को लगा कि राजा मर्सल मामले से यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का दिल ‘जीतने’ की कोशिश कर रहे थे. फिल्म में ऑक्सीजन की कमी से एक बच्चे की मौत को दिखाया गया है. इससे गोरखपुर अस्पताल हादसे की याद ताजा होती है. इसमें चूहों के काटने से अस्पताल में बच्चों की मौत का भी जिक्र है. आंध्र प्रदेश के गुंटुर जिले में ऐसी घटना हुई थी. बीजेपी के नजरिये से देखें तो मर्सल का विरोध जरूरी था. तमिलनाडु में सिनेमा की ताकत से कोई भी अनजान नहीं है. बीजेपी को लगा होगा कि विजय जैसे पॉपुलर एक्टर के जीएसटी और डिजिटल इंडिया के खिलाफ डायलॉग से नरेंद्र मोदी सरकार की छवि खराब होती.

तमिलनाडु की राजनीति में पिछले पांच दशक से दो एक्टर्स (एमजीआर और जयललिता) और एक स्क्रिप्ट राइटर (करुणानिधि) का दबदबा रहा है. हाल में रजनीकांत और कमल हासन ने राजनीति में उतरने के संकेत दिए हैं. हासन ने पिछले हफ्ते कहा था कि नरेंद्र मोदी को नोटबंदी और उसे लागू करने के तरीके पर गलती मान लेनी चाहिए.

विपक्ष को मिला मुद्दा

मर्सल पर विरोध करते वक्त शायद बीजेपी को अहसास नहीं था कि वह विपक्षी दलों को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे रही है. राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसा. इसके बावजूद मर्सल पर बीजेपी का हमला बंद नहीं हुआ. मदुरई में खुद को बीजेपी समर्थक बताने वाले एक वकील ने विजय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. मर्सल का मतलब चौंकानेवाला होता है और फिल्म ने अपने नाम को सही साबित किया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×