भारत में सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन #MeToo में अब बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा भी जुड़ गई हैं. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट्स करके अपने साथ हुए एक्सपीरियंस को शेयर किया है. हालांकि उन्होंने ट्वीट में बताया कि उन्हें सेक्सुअल हैरासमेंट का शिकार तो नहीं होना पड़ा, लेकिन मेंटल हैरासमेंट का सामना करना पड़ा और #MeToo के तहत उन्हें ये बताना चाहिए. साथ ही उनके साथ सलेक्शन में किस तरह भेदभाव किया गया ये भी बताया.
ज्वाला ने लिखा, ‘2006 से इस व्यक्ति के प्रमुख बनने के बाद से... राष्ट्रीय चैंपियन होने के बावजूद मुझे राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया. सबसे नया मामला तब का है जब मैं रियो से लौटी और मुझे फिर से राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया. एक कारण बताया गया कि मैंने खेलना छोड़ दिया है!!’
ज्वाला ने अगले ट्वीट में बताया, ''जब इस व्यक्ति का मेरे ऊपर बस नहीं चला तो, उसने मेरे पार्टनर को डराया और हरास किया. हर तरीके से मुझे अलग-थलग रखने की कोशिश की. यहां तक कि रियो के बाद भी. जिसके साथ मुझे मिक्स्ड डबल खेलना था. उसे डराया. और फिर मैं टीम से बाहर निकाल दी गई.''
गोपीचंद के साथ भी हुए थे मतभेद
ज्वाला के लंबे समय से चीफ नेशनल कोच पुलेला गोपीचंद के साथ मतभेद रहे हैं. इस दौरान ज्वाला ने यह आरोप भी लगाए कि गोपीचंद पूरी तरह से एकल खिलाड़ियों पर ध्यान देते हैं और युगल (डबल्स) खिलाड़ियों की अनदेखी करते हैं.
ज्वाला ने यह भी दावा किया था कि गोपीचंद की आलोचना के कारण राष्ट्रीय टीम में उनकी अनदेखी हुई और यहां तक कि उन्होंने डबल्स जोड़ीदार भी गंवा दिया. हालांकि, इस खिलाड़ी ने मंगलवार को किए अपने ट्वीट्स में गोपीचंद का नाम नहीं लिया.
(यह भी पढ़ें: #MeToo : आखिर हिंदी मीडिया में इतना सन्नाटा क्यों है भाई? )
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)