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ट्विटर पर विवाद के बीच Koo को $3 करोड़ की फंडिंग, क्यों अहम है खबर?

फंडिंग का कैसे इस्तेमाल करेगा कू?

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घरेलू माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'कू' ने टाइगर ग्लोबल के नेतृत्व में सीरीज बी फंडिंग के जरिए 30 मिलियन (3 करोड़) डॉलर जुटाए हैं. ये खबर ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार और ट्विटर के बीच टकराव बढ़ रहा है. 'कू' ने केवल एक साल के संचालन में लगभग 60 लाख डाउनलोड पाए हैं.

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इस फंडिंग की वजह से ‘कू’ की वैल्यूएशन में करीब पांच गुना का इजाफा हो गया है. अब इसकी वैल्यू 100 मिलियन डॉलर (10 करोड़ डॉलर) हो गई है.  

कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, "अगले कुछ सालों में दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक के रूप में विकसित होने की हमारी आक्रामक योजना है. हर भारतीय हमें वहां जल्द पहुंचने के लिए उत्साहित कर रहे है. टाइगर ग्लोबल इस सपने को साकार करने के लिए सही भागीदार है."

डील के बारे में क्या जानकारी है?

कू के मौजूदा निवेशक एक्सेल पार्टनर्स, कलारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और ड्रीम इनक्यूबेटर ने भी निवेश के इस दौर में भाग लिया. कंपनी ने सूचित किया कि आईआईएफएल और मिराए एसेट्स अन्य नए निवेशक हैं, जो इस दौर के साथ कैप टेबल पर आए.

कू ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा निर्धारित 25 मई की समय सीमा से पहले नए आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश) नियम 2021 की अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा किया है. इन नियमों को लेकर सरकार और फेसबुक, ट्विटर, WhatsApp जैसे सोशल मीडिया कंपनियों के बीच तनाव है.  
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फंडिंग का कैसे इस्तेमाल करेगा कू?

कू ने इस महीने की शुरूआत में एक अनूठी विशेषता शुरू करने की घोषणा की, जो उपयोगकतार्ओं को अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में कीबोर्ड का उपयोग किए बिना बोलने और संदेश लिखने में मदद करेगी.

'टॉक टू टाइप' नाम से ये फीचर कू यूजर्स को अपने विचार रखने में मदद करेगा और एक बटन के क्लिक पर शब्द स्क्रीन पर दिखाई देंगे.

पिछले साल स्थापित माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ने कुछ ही समय में 60 लाख उपयोगकतार्ओं को पार कर लिया और इस साल के आखिर तक 10 करोड़ उपयोगकतार्ओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. 
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फंडिंग का समय महत्वपूर्ण

कू को ऐसे समय में 3 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली है, जब केंद्र सरकार और पारंपरिक सोशल मीडिया जायंट्स के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. खासकर ये तनाव ट्विटर के साथ ज्यादा है.

एक कथित 'COVID टूलकिट' मामले में दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस भी दिया था. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए 'COVID टूलकिट' इस्तेमाल कर रही है.

ट्विटर ने पात्रा के इस ट्वीट को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' का टैग दिया था. दिल्ली पुलिस ने सोशल प्लेटफॉर्म को नोटिस भेजकर इस पर स्पष्टीकरण मांगा है.

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