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मोदी सरकार ने एक साल में बदले 25 नाम, अब इन जगहों की बारी

केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले एक साल में कम से कम 25 नगरों और गांवों के नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है.

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भारत
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केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले एक साल में कम से कम 25 नगरों और गांवों के नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है. इतना ही नहीं नाम बदलने के कई प्रस्ताव अभी भी केंद्र के पास हैं. जिनमें पश्चिम बंगाल का नाम बदला जाना भी शामिल है. अधिकारिक सूत्रों ने ये जानकारी दी है.

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इलाहाबाद, फैजाबाद भी इन 25 में शामिल

जिन इलाकों के नाम बदले गये हैं उसकी लिस्ट में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और फैजाबाद ताजातरीन इजाफा है. कई प्रस्ताव केंद्र सरकार की मंजूरी पाने की बाट जोह रहे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल का नाम ‘बांग्ला' करने का भी प्रस्ताव है. ये प्रक्रिया काफी लंबी है और इसमें कई केंद्रीय मंत्रालय और विभाग भी शामिल होते हैं. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले एक साल में देश के विभिन्न हिस्सों में 25 नगरों और गांवों के नाम परिवर्तन के प्रस्तावों को सहमति दी है.

उन्होंने बताया कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या करने के प्रस्ताव अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने मंत्रालय को नहीं भेजे है.

कुछ और नाम जो बदलाव की प्रक्रिया में शामिल हैं

  • आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में राजामुंदरी का नाम राजामहेंद्रवर्मन
  • आउटर व्हीलर आईलैंड का नाम एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप
  • केरल के मालाप्पुरा जिले में अरिक्कोड को अरीकोड
  • हरियाणा में जींद जिले के पिंडारी को पांडु पिंडारा
  • नगालैंड के खिफिरे जिले में सनफुर का नाम सामफुरे
  • महाराष्ट्र में सांगली जिले में लंगडेवाडी का नाम नरसिंहगांव
  • हरियाणा में रोहतक जिले में सांपला का नाम चौधरी सर छोटूराम नगर
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कैसे बदले जाते हैं नाम, क्या है प्रक्रिया?

एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय संबंधित एजेंसियों के परामर्श से मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक, ऐसे प्रस्तावों को स्वीकार करता है. गृह मंत्रालय रेल मंत्रालय, डाक विभाग और भारत सर्वेक्षण विभाग से कोई आपत्ति नहीं होने के बाद किसी भी स्थान के नाम बदलने के लिए अपनी सहमति देता है.

इन संगठनों को ये पुष्टि करना है कि प्रस्तावित नाम का उनके रिकॉर्ड में ऐसा कोई नगर या गांव नहीं है. किसी राज्य के नामकरण के लिए संसद में साधारण बहुमत के साथ संविधान में संशोधन की जरूरत होती है जबकि गांव या शहर के नाम को बदलने के लिए, एक कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है.

उन्होंने बताया राज्य सरकार के सुझाव के तहत पश्चिम बंगाल का नाम 'बांग्ला' करने का प्रस्ताव हाल ही में गृह मंत्रालय ने राय जानने के लिए विदेश मंत्रालय भेजा गया क्योंकि प्रस्तावित नाम पड़ोसी देश बांग्लादेश के नाम से समान था. गुरुवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि राज्य सरकार अहमदाबाद को कर्णवती के नाम पर बदलने पर विचार कर रही है और नाम परिवर्तन अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले अमल में लाया जा सकता है.

पहले किन-किन के नाम बदले जा चुके हैं

पिछले साल, केंद्र ने जनसंघ नेता दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर प्रतिष्ठित मुगलसराय रेलवे स्टेशन को दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. वो यहां 1968 में रेलवे स्टेशन पर मृत पाए गए थे.

मुंबई के प्रतिष्ठित छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में "महाराज" शब्द जोड़ने के लिए भी स्वीकृति दी गई थी. इसे अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के नाम से जाना जाता है. 2011 में उड़ीसा को ओडिशा करके राज्य का नाम बदल दिया गया था. 1995 में बॉम्बे के नाम मुंबई में बदला गया. 1996 में मद्रास से चेन्नई, कलकत्ता 2001 में कोलकाता हो गया. केंद्र सरकार ने 2014 में कर्नाटक के 11 शहरों के नाम बदलने को मंजूरी दे दी थी, जिनमें बैंगलोर को बेंगलुरू के रूप में शामिल किया गया था.

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