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रेत माफिया ने पैर पर चढ़ाया था ट्रैक्टर, अब वर्ल्ड चैम्पियनशिप में जा रहे कुलदीप

Kuldeep Dandotia की इस कामयाबी पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें बधाई दी है.

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भारत
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तीन साल पहले रेत माफिया का ट्रैक्टर कुलदीप पर चढ़ गया था. पैर टूट गया, डॉक्टरों ने कह दिया कि अब कुलदीप कभी पॉवर लिफ्टिंग नहीं कर सकेंगे. पैर टूटा था लेकिन कुलदीप की उम्मीद नहीं टूटी थी. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के चंबल के रहने वाले कुलदीप दंडोतिया (Kuldeep Dandotia) अफ्रीका में होने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं. 

मुरैना जिले के देवरी गांव में रहने वाले वर्ल्ड पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में सेलेक्ट हुए कुलदीप दंडोतिया अब चंबल ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करेंगे.

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बता दें कि रेत माफियाओं ने कुलदीप के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा दिया था, जिससे उनका एक पैर पूरी तरह से जख्मी हो गया था. इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें खेलने से भी मना कर दिया था. लेकिन अब उनकी मेहनत रंग लाई है और वो खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं.

कुलदीप दंडोतिया की इस कामयाबी पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें बधाई दी है.

26 मई को दक्षिण अफ्रीका के सनसिटी में वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल होगा, जिसमें मध्य प्रदेश की तरफ से कुलदीप दंडोतिया शामिल होंगे.

बता दें कि एशियन चैंपियनशिप के लिए कुलदीप का सिलेक्शन पिछले साल भी हुआ था लेकिन वो जा नहीं सके थे.

तीन साल पहले की थी पॉवर लिफ्टिंग की शुरुआत

कुलदीप दंडोतिया ने बताया कि उन्होंने तीन साल पहले ही पॉवर लिफ्टिंग की शुरुआत की थी. अधिक मोटापा होने की वजह से उन्होंने जिम जाने की शुरुआत की थी और इसी दौरान उनकी मुलाकात पॉवर लिफ्टिंग कोच उदय शर्मा से हुई. उनसे प्रेरित होकर कुलदीप दंडोतिया ने पॉवरलिफ्टिंग की शुरुआत की. 3 साल में ही कठिन परिश्रम से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जगह बनाई है.

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कुलदीप दंडोतिया ने पिछले तीन साल में केरल में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में ब्रोंज मेडल जीता, महाराष्ट्र में हुई नेशनल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता. इसके बाद ही वो एक हादसे का शिकार हो गए.
जब मैं अपने घर जा रहा था, उसी दौरान रेत माफियाओं ने मेरे ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा दिया, जिससे मेरा एक पैर पूरी तरह से जख्मी हो गया.
कुलदीप दंडोतिया

कुलदीप के हादसे के बाद साथी खिलाड़ी और परिवार वालों ने यह मान लिया कि अब वो अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

कुलदीप ने बताया है कि एक्सीडेंट के बाद पैर में लोहे की रॉड लगाई गई और डॉक्टरों ने पूरी तरह मना कर दिया था कि आप कभी भी यह गेम नहीं खेल सकते क्योंकि अगर पैर पर ज्यादा भार लिया तो घातक हो सकता है.

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लेकिन कुलदीप के अंदर कहीं न कहीं हौसले और अपने लक्ष्य को पूरा करने की आग लगी थी. और इस आग ने उन्हें रुकने नहीं दिया.

कुलदीप ने हादसे के 6 महीने बाद फिर से पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रैक्टिस शुरू किया.

बता दें कि 19 से 27 मई को दक्षिण अफ्रीका के सनसिटी शहर में विश्व पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन होना है, जिसमें कुलदीप दंडोतिया का चयन 120 प्लस किलोग्राम भार वर्ग की सब जूनियर कैटेगरी में हुआ है.

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