मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप रैकेट की सरगना अपने राज्य की सबसे ताकतवर लॉबिस्ट बनना चाहती थी. मामले की जांच से जुड़े लोगों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है. इन सूत्रों के मुताबिक, यह महिला राजनीति के क्षेत्र में अहम जगह हासिल करना चाहती थी, हालांकि वो ऐसा करने में नाकाम रही. इसके बाद उसने ताकतवर लोगों को ठगने के लिए दूसरी महिलाओं को अपने साथ लिया.
हनी ट्रैप रैकेट को शुरू करने के लिए उसकी सरगना अपना शहर सागर छोड़कर भोपाल आई थी.
मामले की जांच कर रहे SIT से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि आरोपी महिलाएं ताकतवर लोगों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए फंसाती थीं. इस दौरान का वीडियो भी बनाया जाता था, जिसके जरिए संबंध बनाने वाले लोगों को ब्लैकमेल किया था. इस तरह ये महिलाएं कई अधिकारियों, इंजीनियरों और नेताओं से करोड़ों रुपये, संपत्तियां और लग्जरी गाड़ियां जबरन वसूलने में सफल रहीं.
सूत्रों ने बताया, एक के बाद एक सफलता मिलने के बाद यह रैकेट अधिकारियों और कॉरपोरेट/कंस्ट्रक्शन कंपनियों के बीच की कड़ी बन गया. इसी का नतीजा था कि इस रैकेट की सरगना ने अपने कई क्लाइंट को बड़े-बड़े टेंडर दिलवाए, जिनमें सरकारी टेंडर भी शामिल थे.
बताया जा रहा है कि रैकेट की सरगना के जाल में सरकार जुड़े कई ऐसे लोग थे, जिनका इस्तेमाल कर वो जनसंपर्क, शहरी प्रशासन, कृषि, वन, संस्कृति, जल संसाधन से लेकर लेबर डिपार्टमेंट तक में अपने क्लाइंट्स को टेंडर दिलवाती थी.
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने इस मामले को काफी गंभीर बताया है. उन्होंने कहा है कि सरकार इस मामले में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. बता दें कि यह मामला तब सामने आया था जब इंदौर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के एक इंजीनियर ने 2 महिलाओं के खिलाफ आरोप लगाए कि ये महिलाएं 'आपत्तिजनक वीडियो' वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल कर रही हैं. इस मामले में 5 महिलाओं सहित 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
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