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मुंबई: ISKCON में विजिटर के हाथों पर बिना इजाजत गोमूत्र का छिड़काव

ISKCON ने कहा कि गौमूत्र सिर्फ 15 मार्च को ही इस्तेमाल किया गया था

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भारत
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हाल ही में खबर आई थी कि मुंबई के जुहू में ISKCON कॉम्प्लेक्स में वहां आने वाले लोगों के हाथों पर गोमूत्र छिड़का गया था. अब ISKCON ने क्विंट से बातचीत में इस बात की पुष्टि कर दी है. ISKCON ने बताया कि लोगों के हाथों पर गोमूत्र 'कोरोनावायरस से बचाव' के कदम के तौर पर छिड़का गया है.

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हालांकि, लोगों का आरोप है कि ऐसा उनकी मर्जी के बिना किया गया है. ISKCON ने इस आरोप से इंकार नहीं किया है. संगठन के एक प्रतिनिधि ने क्विंट से कहा कि शायद उन्हें लोगों को बताना चाहिए था कि ये गोमूत्र है. ISKCON ने अपनी सफाई में कहा कि वो गोमूत्र का इस्तेमाल इसलिए कर रहे थे क्योंकि अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर मिल नहीं रहे थे. संगठन ने ये भी कहा कि गोमूत्र सिर्फ 15 मार्च को ही इस्तेमाल किया गया था.

हमने डिस्टिल किया गया गोमूत्र इस्तेमाल किया था. वो एंटी-बैक्टीरियल और कीटाणुनाशक होता है. इसे बहुत कम समय के लिए इस्तेमाल किया गया, जब तक कि हमें सैनिटाइजर नहीं मिला. रेस्टोरेंट में अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर ही था, लेकिन मेन गेट पर कुछ देर के लिए गोमूत्र इस्तेमाल किया था.  
ISKCON प्रवक्ता

तलाशी के बाद गोमूत्र का छिड़काव

रविवार 15 मार्च को राजू नायर अपने दोस्त के साथ ISKCON के जुहू स्थित गोविंदा रेस्टोरेंट पहुंचे थे. नायर केरल कांग्रेस के सदस्य हैं और राज्य में पार्टी के डिजिटल सेल के कन्वेनर भी हैं. नायर ने ट्विटर पर बताया कि ISKCON परिसर में घुसने के बाद उनके साथ क्या हुआ था.

नायर ने लिखा, "ये अपमानजनक था कि ISKCON ने बिना इजाजत के ऐसा किया. मैं मंदिर नहीं जा रहा था. मैं लंच के लिए रेस्टोरेंट जा रहा था. ये मेरी आस्था और मूल्यों के खिलाफ है."

नायर ने क्विंट से बातचीत में बताया कि उन्होंने इस मामले का जिक्र रेस्टोरेंट अथॉरिटी से नहीं किया क्योंकि उनका दोस्त कुछ परेशान था.

लेकिन मैं पुलिस में शिकायत दर्ज कराना चाहता हूं. गोमूत्र कब से सैनिटाइजर का काम करने लगा? सैनिटाइजर की जगह गोमूत्र का इस्तेमाल करना और लोगों से कहना कि इससे वायरस खत्म हो जाता है, गुमराह करना है.  
राजू नायर
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बिना इजाजत गोमूत्र छिड़के जाने पर अकेले नायर ने ही सवाल नहीं उठाया था.

ISKCON का जवाब: गोमूत्र एक कीटाणुनाशक

ISKCON कम्युनिकेशन की प्रवक्ता परिजात ने क्विंट को बताया कि वो सामान्य तौर पर गोमूत्र इस्तेमाल नहीं करते. पारिजात ने कहा, "सैनिटाइजर न होने की वजह से ऐसा किया गया. हम इस बात का सम्मान करते हैं कि ये कुछ लोगों के विश्वास और मूल्यों के खिलाफ है."

बिना इजाजत गोमूत्र छिड़के जाने के सवाल पर परिजात ने कहा कि ये रोका जा सकता था और हम आगे से सिक्योरिटी के लोगों को कहेंगे कि लोगों से पहले पूछ लें. 

हालांकि परिजात इस बात पर कायम रहीं कि गोमूत्र में चिकित्सक क्षमता होती है और ये कीटाणुनाशक के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

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गोमूत्र के एंटीसेप्टिक होने का सबूत नहीं

क्रिटिकल केयर मेडिसिन के वरिष्ठ कंसलटेंट डॉ सुमित रे ने क्विंट फिट को बताया कि गोमूत्र के वायरस खत्म करने की बात का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है. डॉ सुमित ने कहा, "वैज्ञानिक तौर पर गोबर और गोमूत्र जानवर के शरीर का मल-मूत्र है. कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि गोबर या गोमूत्र एंटीसेप्टिक होता है." डॉ रे ने बताया कि इससे हमें किसी संक्रमण में फायदा नहीं होगा, कोरोनावायरस में भी नहीं.

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