सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बिहार पुलिस ने नीतीश सरकार में मंत्री रहीं मंजू वर्मा पर दवाब बनाया और आखिरकार उन्हें सरेंडर करना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंजू वर्मा मंगलवार को पुलिस की आंखों में धूल झोंककर सरेंडर करने के लिए बुर्का पहनकर बेगूसराय कोर्ट पहुंची.
बता दें, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस के सिलसिले में सीबीआई ने बीते 17 अगस्त को मंजू वर्मा के बेगूसराय स्थित आवास पर रेड मारी थी. इस दौरान सीबीआई ने उनके घर से अवैध हथियार और 50 कारतूस बरामद किए थे. सीबीआई ने पुलिस में मंजू वर्मा के खिलाफ आर्म्स एक्ट में केस दर्ज कराया. इसके बाद से ही मंजू वर्मा फरार चल रही थीं.
बिहार पुलिस ने की थी पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की संपत्ति कुर्क
बिहार सरकार ने बीती 17 तारीख को पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की संपत्ति को कुर्क कर लिया था. कोर्ट के आदेश के साथ पुलिस ने बेगूसराय के अर्जुन टोला गांव में वर्मा की संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
फरार चल रही मंजू वर्मा के घर कुर्की की कार्रवाई की गई. घर की ग्रिल, दरवाजे की चौखट हटा दिए गए. आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 और 83 के तहत शुरू किए गए अभियान के दौरान घर के अंदर रखी सभी चीजेां को जब्त कर लिया गया है.अवकाश कुमार, पुलिस अधीक्षक
मंजू वर्मा के खिलाफ क्या है मामला?
बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में नाम आने के बाद मंजू वर्मा को बीते अगस्त महीने में सामाजिक कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस तरह की रिपोर्टें आईं थी कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सेक्स कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का करीबी संपर्क है.
इसी मामले में सीबीआई ने मंजू वर्मा के पटना और बेगूसराय स्थित आवासों पर छापे मारे. इस दौरान 50 जिंदा कारतूस बरामद किए थे. इसके बाद मंजू वर्मा के खिलाफ आर्म्स एक्ट का केस दर्ज किया गया. इस मामले में ही गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फरार चल रहीं थीं.
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