महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत नवाब मलिक की आठ संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है.
गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके कुछ करीबी सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा 23 फरवरी को गिरफ्तार किए जाने के बाद 62 वर्षीय एनसीपी के वरिष्ठ नेता मलिक अभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार ED ने नवाब मलिक के परिवार के सदस्यों के नाम से दर्ज संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है जिसमे सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं.
कुर्क की गयी प्रॉपर्टी में कुर्ला (वेस्ट) में गोवावाला कंपाउंड, मुंबई में कुर्ला वेस्ट में एक कमर्शियल यूनिट, कुर्ला वेस्ट में तीन फ्लैट और मुंबई में बांद्रा वेस्ट में दो आवासीय फ्लैट शामिल हैं.
तत्काल रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी- CJI
दूसरी तरफ भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार, 13 अप्रैल को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल से तत्काल रिहाई की मांग करने वाली मलिक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. हालांकि बेंच ने इस सम्बन्ध में तारीख का जिक्र नहीं किया.
मालूम हो कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने फरवरी में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के आवेदन को खारिज कर दिया था.
रिपोर्ट के अनुसार नवाब मलिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बेंच के सामने कहा कि "यह नवाब मलिक का मामला है जहां ED कार्यवाही कर रही है. अधिनियम 2005 में लागू हुआ जबकि लेनदेन 2000 से पहले का है. 22 साल पहले के लेनदेन पर मामले को बढ़ाने की मांग की गई है"
इस पर जवाब देते हुए भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा "हां, हम इसे सूचीबद्ध करेंगे."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)