8 नवंबर 2016 को भारत में नोटबंदी हुई थी लेकिन अब नेपाल ने अपने यहां भारत के करेंसी की नोटबंदी कर दी है. दरअसल नेपाल ने भारतीय नोटों के चलन पर रोक लगा दी है. नेपाल सरकार ने 100 रुपये से ज्यादा के भारतीय नोटों के लेनदेन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. नेपाली अखबार काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने तत्काल प्रभाव से इस फैसले को लागू करने का आदेश दिया है.
नेपाल सरकार के प्रवक्ता और सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री गोकुल प्रसाद बसकोटा के मुताबिक,
सरकार ने लोगों से कहा है कि वे 100 रुपये से ज्यादा के यानी 200, 500 और 2,000 रुपये के नोटों को न रखें. इन्हें अमान्य करार दिया जा चुका है. सिर्फ 100 रुपये के भारतीय नोट को ही नेपाल में कारोबार और दूसरी चीजों के लिए लेन देन के काम में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
बता दें कि नेपाल सरकार के इस फैसले से घूमने गए या वहां व्यापार करने वाले भारतीयों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि नेपाल में 200 और 500 रुपये के नोटों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.
8 नवंबर 2016 को हुई थी नोटबंदी
बता दें कि 08 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने 500 और 100 रुपये के पुराने नोट को अवैध करार कर दिया था. पीएम ने नोटबंदी को भ्रष्टाचार और कालाधन की समस्या से निजात का रास्ता बताया था. हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 21 महीने बाद नोटबंदी की फाइनल रिपोर्ट जारी की थी उसके मुताबिक बंद किए गए 500 और 1000 के 99.3 परसेंट नोट रिजर्व बैंक के पास वापस आ गए.
आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि नोटबंदी से सिर्फ 13 हजार करोड़ रुपए के नोट नहीं लौटाए गए. नोटबंदी के वक्त सिस्टम में 15 लाख 44 हजार करोड़ रुपए कीमत के 500 और 1000 के नोट थे. उसमें से 15 लाख 31 हजार करोड़ बैंकों के जरिए वापस आ गए. मतलब नोटबंदी कालाधन जो लौटा वो करीब 13 हजार करोड़ रुपए ही रहा.
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