बैकफुट पर सरकार....
राफेल मामले में अचानक सरकार बैकफुट पर दिखने लगी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई अर्जी दायर की है. अर्जी के मुताबिक,‘12 नवंबर को सील बंद लिफाफे में सरकार ने जो जानकारी दी थी, सुप्रीम कोर्ट ने उसे गलत समझा.’
क्या है विवाद
इसके पहले पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) के चैयरमैन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये दावा कर हड़कंप मचा दिया कि मोदी सरकार ने राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट को गलत तथ्य देकर गुमराह किया है. खड़गे ने तो ये तक बोल दिया कि वो CAG और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपल को तलब करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी कैसे दे दी गई.
आरोपों के मुताबिक, सरकार ने कोर्ट में बताया है कि CAG की रिपोर्ट PAC के सामने पेश की गई थी. जबकि खड़गे के मुताबिक उनके पास कोई रिपोर्ट ही नहीं आई. बता दें राफेल मामले में कोर्ट ने सरकार को राहत दे दी थी. अब तथ्यों के गलत होने पर हंगामा मच गया है.
पीएम ने गिनाए कांग्रेस राज में हुए घोटाले
जहां एक तरफ राफेल पर सरकार लगातार घिरती हुई नजर आ रही है और विपक्ष हमलावर होता जा रहा है, वहीं पीएम मोदी भी कांग्रेस राज में हुए घोटालों का जिक्र कर रहे हैं. पीएम ने तमिलनाडु के बीजेपी बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत में कहा, कांग्रेस के लिए डिफेंस एक पंचिंग बैग और फंड के सोर्स की तरह है. उन्होंने बोफोर्स घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड और सबमरीन घोटाले का जिक्र करते हुए कहा, शुक्र है कि वो दिन अब नहीं रहे.
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कपिल सिब्बल ने की सरकार की जमकर खिंचाई
सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार ने गुमराह किया है. अटॉर्नी जनरल को पीएसी के सामने बुलाया जा सकता है. सिब्बल के मुताबिक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये क्यों बताया कि CAG की रिपोर्ट पीएसी को दे दी है, जबकि ऐसा होता तो पीएसी चेयरमैन को जरूर पता चलता.
सिब्बल ने कहा कि पीएम मोदी अपने जाल में उलझ गए हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने अनिल अंबानी पर दिया गया अपना बयान अभी तक वापस नहीं लिया है. मोदी जी अगर सफाई देते हैं तो फंसते हैं, गलत कहते हैं तो फंसते हैं. ओलांद या मोदी में से कोई एक झूठ बोल रहा है, इसलिए मोदी जी चुप हैं.
बता दें ओलांद ने कहा था कि राफेल डील में अनिल अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाए जाने की शर्त रखी गई थी.
वर्क शेयर एग्रीमेंट 13 मार्च को हो गया तो 28 मार्च को रिलायंस डिफेंस के गठन की जरूरत क्यों थी. 25 मार्च को डेसॉल्ट के सीईओ बेंगलुरु में थे, सरकार ने ये बात सुप्रीम कोर्ट के सामने क्यों नहीं रखी. पूरे प्रकरण को सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की नहीं, बल्कि सरकार की गलती करार दिया.
विशेषाधिकारों के हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा: संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि सरकार ने कोर्ट को गुमराह किया है. मामले में अटॉर्नी जनरल को संसद के सामने पेश होना चाहिए. पूरे घटनाक्रम में विशेषाधिकारों का हनन हुआ है. इसलिए प्रस्ताव लाया जाना चाहिए.